कोविडकाल में पहली बार खुल रहे चारधाम, रजिस्ट्रेशन से लेकर ई-पास तक जानिए यात्रा से जुड़ी जरूरी बातें
हाईकोर्ट की परमिशन के बाद राज्य सरकार ने जारी की एसओपी
देहरादून, 17 सितंबर। शनिवार से उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं। राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा की मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में आने वाले श्रद्धालुओं को पंजीकरण करने के बाद ई-पास जारी किए जाएंगे। ई पास होने पर ही दर्शन की अनुमति होगी। इस सीजन की यात्रा करीब डेढ़ माह की ही रह गई है। नवबंर माह में दीपावली के बाद कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
कोविडकाल में पहली बार हो रही यात्रा
कोविडकाल में करीब 2 साल बाद पहली बार श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा खुल गई है। यात्रा करने वालों के लिए राज्य सरकार की और से एसओपी जारी की गई है। राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल पर भी अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होगा। साथ ही कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने के 15 दिन के बाद प्रमाण पत्र दिखाने पर यात्रा की अनुमति दी जाएगी। लेकिन केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से आने वाले यात्रियों को दोनों डोज लगवाने के बाद 72 घंटे पहले की कोविड जांच निगेटिव रिपोर्ट दिखानी अनिवार्य होगी। चारधाम यात्रा देवस्थानम बोर्ड की देखरेख में ही होगी।ऐसे में देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा। जिसके बाद देवस्थानम बोर्ड की ओर से सीमित संख्या में प्रतिदिन ई-पास जारी किए जाएंगे। मंदिर परिसर में प्रसाद चढ़ाने और तिलक लगाने पर प्रतिबंध रहेगा। मंदिरों में कोविड प्रोटोकाल का पालन कर मास्क पहनने, सोशल डिस्टेसिंग की निगरानी देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड करेगा।
ऐसे करें पंजीकरण-
- चारधाम यात्रा के लिए राज्य और बाहर से आने वाले यात्रियों को देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट https://badrinath-kedarnath.gov.in/ पर पंजीकरण करना होगा।
- बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों को सबसे पहले स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा।
- यात्रा के लिए ई-पास के लिए देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा।
- इसके बाद ई पास जारी होगा।
एक
दिन
में
कितने
यात्रियों
को
होगी
परमिशन-
बदरीनाथ
-
1000
केदारनाथ
-
800
गंगोत्री
-
600
यमुनोत्री
-
400
चारधाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल ने कहा कि-
चारधाम यात्रा का खुलना स्थानीय लोगों के लिए राहत की खबर है। कोविड प्रोटोकॉल के तहत दर्शन कराने जरुरी है। लेकिन देवस्थानम बोर्ड को लेकर सरकार को स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। एक तरफ सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को फ्रिज करने की बात की है। दूसरी तरफ देवस्थानम बोर्ड एसओपी जारी कर रहा है। सरकार के इस कदम से पुरोहितों में रोष है।
यात्रा
शुरू
होते
ही
सरकार
की
चुनौतियां
शुरू
चारधाम
यात्रा
खुलने
के
साथ
ही
राज्य
सरकार
की
चुनौतियां
भी
शुरू
हो
गई
है।
रेलवे,
हवाई
और
सड़क
मार्ग
तीनों
को
सरकार
को
दुरस्त
करना
होगा।
रेलवे
और
हवाई
मार्ग
पहले
से
काफी
हद
तक
बेहतर
सुविधाएं
दे
रहे
हैं।
हालांकि
कोविड
प्रोटोकॉल
का
यहां
पर
पूरा
पालन
कराया
जा
रहा
है।
सड़क
मार्ग
में
चारधाम
यात्रा
के
दौरान
देहरादून,ऋषिकेश
तक
सुविधा
है
लेकिन
इसके
बाद
सभी
को
सड़क
मार्ग
से
यात्रा
करनी
होगी।
जो
कि
इन
दिनों
बरसात
के
कारण
कई
बार
परेशानी
में
डाल
सकती
है।
जगह-जगह
पर
लैंडस्लाइड
और
भू-स्खलन
जैसी
दिक्कतों
का
भी
यात्रियों
का
सामना
करना
पड़ता
है।
खासकर
केदारनाथ
और
बदरीनाथ
मार्ग
पर।
ऐसे
में
मैदानी
मार्ग
से
पहाड़ी
मार्ग
पर
जाने
से
पहले
आगे
की
जानकारी
लेना
आवश्यक
होगा।
इसके
लिए
उत्तराखंड
पुलिस
की
भी
मदद
ले
सकते
हैं।
चारधाम
यात्रा
के
दौरान
अब
स्थानीय
प्रशासन
और
उत्तराखंड
पुलिस
की
भी
भूमिका
बढ़
गई
है।