चार धाम यात्रा अब ऑनलाइन: घर बैठे कीजिए बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन
देहरादून। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच चारों धामों गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं। हालांकि लॉकडाउन की वजह से मंदिरों में भक्तों को प्रवेश पूर्णतया वर्जित है। ऐसे में श्रद्धालु जल्दी ही चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के दर्शन ऑनलाइन कर सकेंगे। इसके लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंदिर परिसरों के ऑनलाइन दर्शन की सुविधा शुरू करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि श्रद्धालुओं को गर्भगृह को छोड़कर बाकी मंदिर परिसर के ऑनलाइन दर्शन और ऑडियो के माध्यम से पूजा अर्चना की सुविधा उपलब्ध कराई जाएंगी।
बैठक में लिए गए ये निर्णय
उत्तराखंड सरकार ने फरवरी 2020 में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का गठन किया था। जिसकी पहली बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में हुई। बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था में भी धार्मिक मान्यताओं का पूरा ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि तीर्थ पुरोहितों के साथ ही हक-हकूकधारियों के हितों का बोर्ड में पूरा ध्यान रखा जाएगा। बैठक में चारधाम समेत अन्य मंदिरों से जुड़ी प्रमुख पांडुलिपियों, प्राचीन मूर्तियों, प्रतीक चिह्नों समेत अन्य पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक महत्व की सामग्री के संग्रहण के लिए संग्रहालय बनाए जाने को मंजूरी दी गई। यह भी निर्णय लिया गया कि बोर्ड की नियमावली जल्द तैयार की जाएगी।
चारधाम की वेबसाइट नए कलेवर में होगी लॉन्च
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर की वेबसाइट को नए कलेवर में लॉन्च करने के निर्देश देवस्थानम बोर्ड को दिए हैं। नई वेबसाइट पर उत्तराखंड के चारों धामों के गर्भगृह के अतिरिक्त बाहरी हिस्सों के लाइव दर्शन किए जा सकेंगे। ऑन लाइन पूजा बुकिंग और दान देने की सुविधा भी वेबसाइट पर रहेगी। बद्रीनाथ-केदारनाथ के साथ ही गंगोत्री-यमुनोत्री, पंच बद्री-पंच केदार, पंच-प्रयाग और आसपास के 51 मंदिरों से जुड़ी मान्यताओं, कथाओं और परंपराएं, यहां का नक्शा, धर्मशालाओं की जानकारी भी साइट पर उपलब्ध रहेगी।
देवस्थानम बोर्ड के लिए स्वीकृत हुए 10 करोड़
मुख्यमंत्री रावत ने देवस्थानम बोर्ड के लिए 10 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। अब से बोर्ड का एक अलग अकाउंट होगा। पूर्व में संचालित बद्री-केदार मंदिर समिति की बची राशि भी इसी बोर्ड को ट्रांसफर की जाएगी। बद्रीकेदार मंदिर समिति के कर्मचारियों का समायोजन उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड में किया जाएगा। यहां के मंदिरों से जुड़ी प्राचीन पांडुलिपियों, मूर्तियों और अन्य ऐतिहासिक महत्व की सामग्रियों के लिए संग्रहालय बनाया जाएगा। बोर्ड को दान देने वाले दानदाताओं को कर मुक्ति प्रमाणपत्र 80-जी दिया जाता रहा है, ये आगे भी दिया जाएगा।
ये भी पढ़ें:- 500 प्रवासी श्रमिकों ने किया नेपाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, बोले-वापस नहीं बुला रहे