उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, बिजली कटौती और अग्निपथ योजना पर जमकर हंगामा
उत्तराखंड बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, बजट पास
देहरादून, 17 जून। उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया है। विपक्ष के हंगामे के बीच सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 का 65,557 करोड़ का बजट पास करा लिया। विपक्ष ने सरकार को सदन के अंदर जमकर घेरा और सत्र की अवधि कम होने पर नाराजगी जताई। सत्र के अंतिम दिन विपक्ष ने बिजली कटौती और अग्निपथ योजना को लेकर जमकर हंगामा काटा। विपक्ष ने सदन में अग्निवीर को वापस लेने के नारे लगाए। इस बीच सदन में उत्तराखंड विनियोग विधेयक 2022 पारित हुआ। चार दिवसीय बजट सत्र की कार्यवाही 22 घंटे 43 मिनट तक चली। सत्र के अंतिम दिन वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 की रिपोर्ट पटल पर रखी।
हंगामे
के
बीच
बजट
हुआ
पास
मंगलवार
से
शुरू
हुआ
विधानसभा
का
बजट
सत्र
शुक्रवार
को
स्थगित
हो
गया।
इस
दौरान
सरकार
ने
बजट
पास
कराया
तो
विपक्ष
ने
गैरसैंण,
चारधाम
यात्रा,
बिजली
कटौती,
जिला
विकास
प्रधिकरण
और
हल्द्वानी
में
प्रदर्शनकारियों
पर
हुए
लाठीचार्ज
का
मुद्दा
प्रमुखता
से
उठाया।
विपक्ष
ने
सरकार
पर
सत्र
का
समय
कम
रखने
और
विधायकों
के
सवालों
के
जबाव
सही
तरह
से
न
देने
पर
मंत्री
और
सरकार
को
जमकर
घेरा।
सत्र
के
अंतिम
दिन
विपक्ष
ने
अग्निपथ
योजना
को
लेकर
विपक्ष
ने
जमकर
हंगामा
किया।
विपक्ष
ने
सदन
में
अग्निवीर
को
वापस
लेने
के
नारे
लगाए।
इस
दौरान
विपक्ष
ने
वेल
में
बजट
की
कॉपी
फाड़कर
लहराई
और
बाद
में
सदन
से
वाकआउट
किया।
इस
बीच
सदन
में
उत्तराखंड
विनियोग
विधेयक
2022
पारित
हुआ।
चार
दिवसीय
बजट
सत्र
की
कार्यवाही
22
घंटे
43
मिनट
तक
चली।
बिजली
संकट
पर
विपक्ष
हुआ
हमलावर
सत्र
के
अंतिम
दिन
विपक्ष
ने
प्रदेश
में
बिजली
संकट
का
मुद्दा
भी
उठाया।
उप
नेता
प्रतिपक्ष
भुवन
कापड़ी
समेत
कांग्रेसी
विधायक
सुमित
ह्रदयेश,रवि
बहादुर,
वीरेंद्र
कुमार,
ममता
राकेश
ने
बिजली
कटौती
पर
सरकार
को
घेरने
की
कोशिश
की।
विपक्ष
के
आरोपों
का
जबाव
देते
हुए
संसदीय
कार्यमंत्री
प्रेमचंद
अग्रवाल
ने
कहा
कि
इंटरनेशनल
बाजार
में
कोयले
और
गैस
की
कमी
के
कारण
विद्युत
उत्पादन
प्रभावित
हुआ।
जिससे
हम
भी
प्रभावित
हुए।
कोरोना
काल
के
बाद
बिजली
की
भारी
मांग
आई।
रूस
यूक्रेन
युद्ध
की
वजह
से
गैस
की
किल्लत
हुई।
प्रदेश
के
गैस
आधारित
संयत्र
से
भी
बिजली
नहीं
बन
पा
रही।
करीब
7
मिलियन
यूनिट
बिजली
का
उत्पादन
नहीं
हो
पा
रहा
है।
अप्रैल
में
भारी
मांग
के
बीच
मेघालय,
बोंगाईगांव
से
और
आंध्र
प्रदेश
से
भी
राज्य
सरकार
के
प्रयास
से
बिजली
उपलब्ध
कराई
गई।
आर्थिक
सर्वेक्षण
2021-22
की
रिपोर्ट
पटल
पर
उत्तराखंड
में
लोगों
का
जीवन
स्तर
सुधरने
के
साथ
ही
प्रतिव्यक्ति
आय
में
इजाफा
हुआ
है।
विधानसभा
बजट
सत्र
में
वित्त
मंत्री
प्रेमचंद
अग्रवाल
ने
आर्थिक
सर्वेक्षण
2021-22
की
रिपोर्ट
सदन
में
रखी।
रिपोर्ट
की
मानें
तो
पिछले
साल
1,
82,696
प्रति
व्यक्ति
आय
थी,
जो
करीब
आठ
फीसदी
इजाफ
के
साथ
बढ़कर
1,96,
282
पहुंच
गई
है।
हालांकि
उत्तराखंड
लगातार
दूसरे
साल
प्रति
व्यक्ति
आय
में
हिमाचल
प्रदेश
से
पिछड़
गया
है।
उत्तराखंड
की
विकास
दर
6.13
प्रतिशत
है।
उत्तराखंड
सरकार
की
कमाई
का
कुल
प्रतिशत
में
से
19
प्रतिशत
हिस्सेदारी
आबकारी
विभाग
की
है।
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