'चारधाम यात्रा' पर चौतरफा घिरी BJP, हरीश रावत के इस नए दांव से और बढ़ेगी 'भगवा खेमे' की टेंशन
चारधाम यात्रा का मुद्दा राज्य सरकार के लिए चुनावी साल में बना टेंशन
देहरादून, 10 सितंबर। उत्तराखंड में चुनावी साल में चारधाम यात्रा का मुद्दा सबसे बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। एक तरफ राज्य सरकार तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय लोगों के भारी विरोध के बाद अब डेमेज कंट्रोल में जुट गई है तो कांग्रेस के पूर्व सीएम हरीश रावत ने उपवास और मौन की राजनीति से चारधाम यात्रा से जुड़े लोगों के रोजगार और आस्था को कांग्रेस के पक्ष में करने के लिए सारे दांव पेंच चल दिए हैं। साफ है कि आने वाले दिनों में चारधाम यात्रा का मुद्दा सरकार के लिए चुनावी साल में टेंशन बढ़ाने का काम करेगा।
राज्य
सरकार
को
होने
लगा
एहसास
चारधाम
यात्रा
से
जुड़े
स्थानीय
लोगों
और
तीर्थ
पुरोहितों
के
भारी
विरोध
के
बाद
राज्य
सरकार
को
भी
अब
इस
बात
का
एहसास
होने
लगा
है।
कि
अगर
चारधाम
यात्रा
को
शुरू
नहीं
करवा
पाए
तो
चुनाव
में
इसका
खामियाजा
बीजेपी
को
भुगतना
पड़
सकता
है।
ऐसे
में
राज्य
सरकार
ने
सुप्रीम
कोर्ट
में
दायर
विशेष
अनुमति
याचिका
(एसएलपी)
वापस
ले
ली
है।
राज्य
सरकार
अब
हाईकोर्ट
में
चारधाम
यात्रा
को
शुरू
करवाने
के
लिए
मजबूत
पैरवी
करने
की
बात
कर
रही
है।
करीब
2
माह
का
रह
गया
यात्रा
सीजन
उत्तराखंड
में
विश्व
प्रसिद्ध
चार
धाम
गंगोत्री,
यमुनोत्री,
केदारनाथ,
बदरीनाथ
धाम
हैं।
चारधाम
हिंदू
आस्था
का
प्रतीक
होने
के
साथ
ही
स्थानीय
लोगों
और
तीर्थ
पुरोहितों
की
आजीविका
का
भी
प्रमुख
साधन
है।
कोविड
के
बाद
से
2
साल
में
यात्रा
सुचारू
रुप
से
शुरू
नहीं
हो
पाई
है।
लेकिन
अब
तीर्थ
पुरोहितों
और
स्थानीय
लोगों
ने
यात्रा
शुरू
करवाने
को
आंदोलन
तेज
कर
दिया
है।
यात्रा
पर
निर्भर
स्थानीय
तीर्थ
पुरोहित
और
स्थानीय
लोग
यात्रा
को
इसी
सीजन
में
शुरू
करवाने
को
लगातार
आंदोलन
कर
रहे
हैं।
दीवाली
के
बाद
चारधामों
के
कपाट
के
बंद
होने
का
सिलसिला
शुरू
हो
जाता
है।
ऐसे
में
2
माह
का
समय
ही
यात्रा
के
लिए
रह
गया
है।
तीर्थ
पुरोहितों
ने
मुंडन
और
कूच
कर
विरोध
भी
किया
है।
बदरीनाथ
और
यमुनोत्री
में
तीर्थ
पुरोहितों
ने
धामों
में
जमकर
विरोध
भी
हो
रहा
है।
पूर्व
सीएम
हरीश
रावत
का
मौन,
उपवास
सत्ता
में
वापसी
को
लेकर
अपनी
खास
रणनीति
में
जुटी
कांग्रेस
और
कांग्रेस
के
पूर्व
सीएम
हरीश
रावत
भी
चारधाम
यात्रा
के
मुद्दे
को
चुनाव
में
छोड़ना
नहीं
चाहते
हैं।
हरीश
रावत
लगातार
चारधाम
यात्रा
के
मुद्दे
पर
प्रदेश
की
धामी
सरकार
को
घेरने
का
काम
कर
रहे
हैं।
अब
हरीश
रावत
ने
सांकेतिक
मौन
उपवास
के
जरिए
बीजेपी
सरकार
को
कटघरे
में
खड़ा
किया
है।
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पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा है कि
चारधाम यात्रा के प्रारंभ किये जाने को लेकर लोग बहुत उद्वेलित हैं। कोरोना के तीसरे संक्रमण की चेतावनी भी है, मगर जिंदगी का क्रम भी चलता रहना चाहिये। सरकार कुछ सावधानियां बरतकर चारधाम यात्रा का आयोजन कर सकती है। यह पूरा सीजन यदि चला गया तो फिर पूरा एक वर्ष तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों के लिए समाप्त हो जाएगा और लोगों एवं क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर बड़ा गहरा असर पड़ेगा तो मैं सरकार के ऊपर अकेले यह दायित्व न रहे, यह लगे कि ये जनता की मांग भी है।
आप
ने
भी
सरकार
को
चेताया
पहली
बार
उत्तराखंड
में
चुनावी
समर
में
किस्मत
आजमा
रही
आम
आदमी
पार्टी
भी
चारधाम
यात्रा
के
मुद्दे
पर
बीजेपी
को
लगातार
घेरने
का
काम
कर
रही
है।
आप
पहले
से
ही
चारधामों
में
चल
रहे
विरोध
को
लेकर
अपना
आंदोलन
कर
रही
है।
लेकिन
अब
आम
आदमी
पार्टी
के
सीएम
प्रत्याशी
कर्नल
अजय
कोठियाल
ने
चारधाम
यात्रा
शुरू
न
होने
पर
प्रदेशव्यापी
आंदोलन
शुरू
करने
की
चेतावनी
दी
है।