चारधाम यात्रा पर निकलने से पहले रजिस्ट्रेशन ही नहीं अब ये काम भी है जरूरी, नहीं तो दर्शन को करना होगा इंतजार
देहरादून, 16 मई। उत्तराखंड चारधाम यात्रा में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए राज्य सरकार लगातार नई पहल करने में जुटी है। अब राज्य सरकार ने चारों धामों में केरिंग कैपेसिटी को ध्यान में रखते हुए रजिस्ट्रेशन के लिए एक निश्चित सीमा निर्धारित कर दी गई है। रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर सॉफ्टवेयर को डिजाइन कर दिया गया है। जिन तिथियों में निर्धारित सीमा तक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं उन पर और अधिक रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा सकता बल्कि दर्शनार्थियों को अगली उपलब्ध तिथियों पर रजिस्ट्रेशन करने की सलाह दी जा रही है।

चारों धामों में केरिंग कैपेसिटी का रखा जा रहा ध्यान
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा चारों धामों में केरिंग कैपेसिटी को ध्यान में रखते हुए रजिस्ट्रेशन के लिए एक निश्चित सीमा निर्धारित कर दी गई है, जिस के अनुरूप रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर सॉफ्टवेयर को डिजाइन कर दिया गया है। जिन तिथियों में निर्धारित सीमा तक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं उन पर और अधिक रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा सकता बल्कि दर्शनार्थियों को अगली उपलब्ध तिथियों पर रजिस्ट्रेशन करने की सलाह दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पंजीकरण करते समय श्रद्धालुगण उपलब्धता की जांच करने के बाद ही अपना टूर प्लान करें। चारधाम यात्रा के लिए यात्री registrationandtouristcare.uk.gov.in पर पंजीकरण कराएं।
चारों धामों के लिए डेली लिमिट तय
राज्य सरकार ने चारों धामों के लिए डेली लिमिट तय की हुई है। जिसके अनुसार यमुनोत्री में 5 हजार, गंगोत्री में 8 हजार, केदारनाथ में 13 हजार और बद्रीनाथ में 16 हजार यात्री ही दर्शन कर सकते हैं। राज्य सरकार ने चारों धाम में बढ़ती हुई भीड़ और मौत के आंकड़े बढ़ने के बाद से लगातार नियम सख्त कर दिए हैं। 22 मई से प्रारंभ होने वाली हेमकुन्ट साहिब की यात्रा के दौरान प्रतिदिन 5000 श्रद्धालु की लिमिट तय की गई है। जिसके लिए यात्री को ऑनलाइन पंजीकरण पर्यटन विभाग की वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in अथवा मोबाइल एप्लीकेशन Tourist Care Uttarakhand के माध्यम से करवाया जा सकता है। चारधाम यात्रा में इस बार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। शनिवार तक 4,63,830 श्रद्धालु मंदिरों के दर्शन कर चुके हैं। उधर चारधाम में श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। चार धाम की यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 39 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलजा भट्ट ने बताया कि इन सभी मौतों की वजह हाई ब्लड प्रेशर, हृदय संबंधी समस्याएं और माउंटेन सिकनेस (ऊंचाई से संबंधित समस्या) हैं। चार धाम यात्रा 3 मई से शुरू हुई थी। केवल 13 दिन में 39 यात्रियों की मौत से लगातार स्वास्थ्य महकमे की तैयारियों पर भी सवाल उठ चुके हैं। हालांकि मौत के मामलों को गंभीरता से लेने के बाद पीएमओ के संज्ञान का असर पड़ा तो स्वास्थ्य महकमे ने चेकपोस्ट पर हेल्थस्क्रीनिंग शुरु कर दी है। स्वस्थ्य होने के बाद ही यात्रियों को आगे भेजा जा रहा हैै।