बैंक अधिकारियों ने ही लगाया खाताधारक को लाखों का चूना, तरीका जानकर हैरान हो जाएंगे, अब सलाखों के पीछे
बैंककर्मी इनएक्टिव खातों को करते थे टारगेट, 3 गिरफ्तार
देहरादून, 24 मई। उत्तराखंड एसटीएफ ने खाताधारक के बैंक खातों में एसएमएस अलर्ट का नंबर बदलकर उनकी मेहनत की कमाई उड़ाने के एक मामले में गिरोह का पर्दाफाश किया है। चौंकाने वाली बात ये है कि इस प्रकरण में बैंक कर्मी ही षड़यंत्र में शामिल थे। आरोप है कि एक महिला के बैंक खाते का एसएमएस अलर्ट नंबर बिना उसकी अनुमति के बदलकर 30.95 लाख रुपये उड़ा लिए गए। एसटीएफ ने मामले में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एक प्रबंधक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
एसएमएस
अलर्ट
नंबर
बदल
कर
30.95
लाख
हड़पे
सीओ
साइबर
क्राइम
अंकुश
मिश्रा
ने
बताया
कि
थाना
विकासनगर
के
हर्रबटपुर
निवासी
अतुल
कुमार
शर्मा
ने
साइबर
क्राइम
पुलिस
स्टेशन
में
रिपोर्ट
दर्ज
कराई
थी।
उन्होंने
शिकायत
की
कि
अज्ञात
व्यक्ति
द्वारा
सेंट्रल
बैंक
ऑफ
इंडिया
में
उनकी
माता
के
बैंक
खाता
का
एसएमएस
अलर्ट
नंबर
बिना
उनकी
अनुमति
के
बदल
कर
30.95
लाख
रुपये
निकाले
गए।
पुलिस
ने
मुकदमा
दर्ज
कर
जांच
शुरू
की।
टीम
ने
छानबीन
कर
घटना
में
प्रयोग
हुए
मोबाइल
नंबर,
ई-मेल
आईडी,
ई-वालेट,
बैंक
खातों
व
सीसीटीवी
फुटेज
की
जांच
की।
जांच
में
सामने
आया
कि
सेंट्रल
बैंक
ऑफ
इंडिया
के
अधिकारी
द्वारा
शिकायतकर्ता
की
बिना
अनुमति
के
धोखाधड़ी
करते
हुए
खाता
धारक
के
बैंक
खाते
से
संबंधित
गोपनीय
जानकारी
में
हेराफेरी
की
गई।
इसके
बाद
नेट
व
मोबाइल
बैंकिग
के
माध्यम
से
शिकायतकर्ता
के
पैसों
से
ऑनलाइन
सोना
खरीदा
गया,
फिर
उसे
बेचकर
रुपये
हड़प
लिए।
पुलिस
ने
मामले
में
दिल्ली
के
करोल
बाग
से
सेंट्रल
बैंक
ऑफ
इंडिया
के
एक
बैंक
प्रबंधक
निश्चल
राठौर
को
भी
गिरफ्तार
किया
है।
जो
कि
नोएडा
यूपी
का
रहने
वाला
है।
बैंक
प्रबंधक
से
पूछताछ
में
पता
चला
कि
वह
सेंट्रल
बैंक
के
एएफओ
मोहम्मद
आजम
व
सहायक
प्रबधंक
कविश
डंग
के
साथ
मिलकर
लंबे
समय
से
इनएक्टिव
खातों
की
जानकारी
कर
उसके
एसएमएस
अलर्ट
का
नंबर
बदलकर
खातों
से
रुपयों
उड़ा
देते
थे।
पुलिस
ने
मोहम्मद
आजम
व
कविश
को
सेलाकुई
व
विकासनगर
देहरादून
से
गिफ्तार
किया
है।
ऐसे
करते
थे
फ्रॉड
आरोपियों
ने
बताया
कि
बैंक
के
कर्मचारियों
द्वारा
लम्बे
समय
से
इनएक्टिव
खातों
की
जानकारी
कर
उसके
एसएमएस
अलर्ट
नम्बर
को
बदलकर
नेट,मोबाईल
बैंकिग
के
माध्यम
शिकायतकर्ता
की
धनराशि
से
ऑनलाईन
माध्यम
से
सोना
खरीदकर
उसको
बेचकर
मुनाफा
को
आपस
में
शेयर
कर
लेते
थे।
एसटीएफ
प्रभारी
अजय
सिंह
ने
जनता
से
अपील
की
है
कि
समय
समय
पर
बैंक
में
भौतिक
रुप
से
जाकर
अपने
खाते
की
जानकारी
करते
रहें
व
लम्बे
समय
तक
अपने
खाते
को
इनएक्टिव
न
रखें।
कोई
भी
शक
होने
पर
तत्काल
निकटतम
पुलिस
स्टेशन
या
साइबर
क्राईम
पुलिस
स्टेशन
व
साईबर
हेल्पलाईन
1930
पर
सम्पर्क
करें।
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