6 जुलाई से शुरू होगी बाल वाटिका, नई शिक्षा नीति के तहत इन स्कूलों को शुरू करने वाला पहला राज्य बनेगा उत्तराखंड
देहरादून, 25 जून। उत्तराखंड के आंगनवाड़ी केंद्रों में जुलाई से प्री-स्कूल भी संचालित होने जा रहे हैं। शिक्षा विभाग ने इसको लेकर तैयारियां कर ली है। 6 जुलाई से सरकारी प्राथमिक स्कूलों में स्थित 5 हजार आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्री-स्कूल शुरू होंगे। इन स्कूलों को बाल वाटिका नाम दिया गया है। जहां पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों को खेल-खेल में स्कूल के तैयार करेंगे। शिक्षा विभाग का दावा है कि नई शिक्षा नीति के तहत बाल वाटिका शुरू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य होगा।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दी गई है जिम्मेदारी
राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद की पाठ्यक्रम विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला में शिक्षा निदेशक ने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से उसके लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्री-स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को किताब शिक्षा विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जाएंगी। बाल वाटिका 6 जुलाई से शुरू किया जा रहा है, इसके लिए सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अहम जिम्मेदारी निभानी होगी अभी तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पास पोषण से संबंधित कार्य की जिम्मेदारी होती है। इसमें बाल विकास विभाग का भी सहयोग लिया जाता है। इस तरह से आंगनवाड़ी केन्द्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अब दोगुना जिम्मेदारी निभानी होगी।
क्यों शुरू किए जा रहे बाल वाटिका
नई शिक्षा नीति में शिक्षा विभाग के ढांचे में बड़ा बदलाव किया गया है। सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर प्री प्राइमरी कक्षाएं प्रारंभ होनी है। नई शिक्षा नीति में इसका प्रावधान किया गया है। इस कक्षा को बालवाटिका नाम दिया जाएगा। नई शिक्षा नीति में 10+2 के स्थान पर 5+3+3+4 का प्रावधान किया जाएगा। नए प्रावधानों के अनुसार 3 से 8 साल तक के बच्चों के लिए फाउंडेशन स्टेज की बात कही गई है। इसमें दो साल आंगनबाड़ी के होंगे। इसके बाद एक साल बालवाटिका का और फिर पहली और दूसरी कक्षा होगी। यह तीनों कक्षाएं स्कूल में संचालित होगी। बालवाटिका के लिए महिला बाल विकास विभाग की ओर से प्रशिक्षण देकर शिक्षा विभाग की मांग के अनुसार शिक्षक उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान रखा गया है। इससे सरकारी स्कूलों में भी प्री प्राइमरी कक्षाएं प्रारंभ हो सकेंगी। बाल वाटिका के लिए शिक्षा विभाग को महिला एवं बाल विकास के भरोसे ही रहना है। इन स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग के पास ट्रेंड शिक्षक न होने के कारण बाल विकास विभाग के ही कार्यकर्ता बच्चों को बाल वाटिका में अपने अनुभवों के आधार पर शिक्षा देंगे।
बच्चों को खेल-खेल में स्कूल के लिए तैयार करना
नई शिक्षा नीति के तहत बाल वाटिका 5 से 6 वर्ष के आयु वर्ग के सभी बच्चों के लिए होंगे। जहां बच्चों को खेल-खेल में सिखाया जाएगा। इस स्कूल का उद्देश्य नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों को खेल-खेल में स्कूल के लिए तैयार करना है। बच्चों में अच्छी आदतों का विकास करना है। वर्तमान में इस तरह का कांसेप्ट निजी स्कूलों में ही देखने को मिलता है। जहां पर खेल के जरिए बच्चों को स्कूलों के लिए तैयार किया जाता है। लेकिन अब ये सरकारी स्कूलों को भी अपनाना है। जिससे बच्चे को पहले बेहतर माहौल दिया जा सके। बाल वाटिका के बाद बच्चे स्कूल में कक्षाएं देने के लिए तैयार किए जाएंगे।