कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर उत्तराखंड में अलर्ट, कोरोना योद्धाओं का आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य
कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर उत्तराखंड में अलर्ट, कोरोना योद्धाओं का आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य
देहरादून, 29 नवंबर। उत्तराखंड में कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर अलर्ट हो गया है। राज्य सरकार ने सीमाओं पर पहले की तरह टेस्टिंग अनिवार्य करने के साथ ही कोरोना योद्धाओं का आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को कोविड के बढ़ते मामलों और कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के सम्भावित खतरे को देखते हुए समीक्षा की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोविड सैम्पलिंग को बढ़ाने और कान्टैक्ट ट्रेसिंग को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। कोविड के बढ़ते मामलों और कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के सम्भावित खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री ने सीएम आवास में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ विस्तार से समीक्षा की।
'हर
घर
दस्तक'
अभियान
को
पूरी
क्षमता
के
साथ
चलाया
जाए
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
राज्य
में
कोविड
वैक्सीन
की
पहली
डोज
शत
प्रतिशत
लगाई
जा
चुकी
है,
परंतु
दूसरी
डोज
के
लिए
और
अधिक
तत्परता
से
काम
किए
जाने
की
आवश्यकता
है।
'हर
घर
दस्तक'
अभियान
को
पूरी
क्षमता
के
साथ
चलाया
जाए।
निश्चित
समय
में
कोविड
वैक्सीन
की
दूसरी
डोज
लगवाना
सुनिश्चित
किया
जाए।
मुख्यमंत्री
ने
निर्देश
दिये
कि
जिन
लोगों
को
भी
वायरल
के
लक्षण
हैं,
उन
सभी
का
आरटीपीसीआर
टेस्ट
अनिवार्य
रूप
से
करवाया
जाए।
उन्होंने
कहा
कि
पेनिक
की
आवश्यकता
नहीं
है,
परंतु
पूरी
सावधानी
और
पुख्ता
तैयारियां
सुनिश्चित
करनी
होंगी।
एक
बार
फिर
से
लोगों
को
कोविड
एप्रोप्रियेट
बिहेवियर
के
लिए
प्रेरित
किया
जाए।
इसके
लिए
जनजागरूकता
अभियान
चलाए
जाएं।
मास्क
और
सोशल
डिस्टेंसिंग
का
पालन
करवाया
जाए।
इसके
लिए
अधिक
भीड़भाड़
वाले
स्थानों
पर
पुलिसकर्मियों
की
तैनाती
की
जाए।
किसी
तरह
की
लापरवाही
न
हो
मुख्यमंत्री
ने
सभी
जिलाधिकारियों
को
टेस्टिंग
टार्गेट
को
पूरा
करने
के
निर्देश
दिये।
उन्होंने
कहा
कि
इसमें
किसी
तरह
की
लापरवाही
न
हो।
अंतरराष्ट्रीय
यात्रियों
के
संबंध
में
भारत
सरकार
द्वारा
जो
एडवायजरी
जारी
की
गई
है,
उसके
प्रोटोकॉल
का
पूरी
तरह
से
पालन
किया
जाए।
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
पुलिसकर्मियों,
स्वास्थ्य
कर्मियों
आदि
कोरोना
योद्धाओं
का
आरटीपीसीआर
टेस्ट
करवाया
जाए।
इसके
लिए
सामान्य
लोगों
में
भी
जिनमें
वायरल
के
लक्षण
दिखते
हैं,
उनका
आरटीपीसीआर
टेस्ट
करवाया
जाए।
भीड़भाड़
वाले
स्थानों
और
राज्य
की
सीमाओं
पर
रेंडम
टेस्ट
करवाएं
जाएं।
आरटीपीसीआर
टेस्ट
पॉजिटिव
आने
पर
उन्हे
जीनोम
सीक्वेंसिंग
के
लिए
भेजा
जाए।
कान्टैक्ट
ट्रेसिंग
सुनिश्चित
की
जाए
मुख्यमंत्री
ने
कान्टैक्ट
ट्रेसिंग
पर
बहुत
बल
देते
हुए
उन्होंने
कोविड
पॉजिटिव
के
सम्पर्क
में
आए
सभी
लोगों
की
आरटीपीसीआर
टेस्टिंग
सुनिश्चित
करने
और
माइक्रो
कन्टेनमेंट
जोन
बनाने
के
निर्देश
दिये।
इसमें
कोई
कोताही
न
की
जाए।
कोविड
की
पहली
और
दूसरी
लहर
के
दौरान
विकसित
किए
गए
कोविड
से
संबंधित
हेल्थ
इन्फा्रस्ट्रक्चर
जैसे
कि
आईसीयू,
आक्सीजन,
वेंटिलेटर
आदि
की
जांच
करवा
ली
जाए।
जिलों
मे
कंट्रोल
रूम
को
फिर
से
सक्रिय
किया
जाए।
आवश्यक
होने
पर
कोविड
प्रबंधन
से
जुड़ी
मेनपावर
की
ट्रेनिंग
करवा
ली
जाए।
दोनों
मंडलायुक्त
और
सभी
जिलाधिकारी
अपने
क्षेत्रों
में
कोविड
की
स्थिति
और
कोविड
प्रबंधन
की
स्थिति
को
बारीकी
से
देख
लें,
एक
सप्ताह
बाद
फिर
से
मुख्यमंत्री
स्तर
पर
इसकी
समीक्षा
की
जाएगी।
आईसीयू
में
53
प्रतिशत
वृद्धि
सचिव
स्वास्थ्य
डा.
पंकज
पाण्डेय
ने
बताया
कि
पहले
राज्य
में
कोरोना
वायरस
की
जांच
के
लिए
वर्तमान
में
11
सरकारी
और
26
प्राईवेट
लैब
हैं।
वर्तमान
में
आईसोलेशन
बैड
31
हजार
से
अधिक
हैं
जबकि
आईसीयू
की
संख्या
1655
हो
गई
है।
तीसरी
लहर
की
सम्भावना
को
देखते
हुए
हैल्थ
सिस्टम
के
अंतर्गत
आईसीयू
में
53
प्रतिशत
वृद्धि
की
गई
है।
मार्च
2020
में
116
वैंटिलेटर
थे
जो
कि
अब
बढ़कर
1016
हो
गई
है।
आक्सीजन
सिलेंडर
22420
हैं।
आक्सीजन
कन्सेंट्रेटर
मार्च
2020
में
275
से
बढ़कर
से
वर्तमान
में
9838
हो
गये
हैं।
इसी
प्रकार
पीएसए
आक्सीजन
जनरेशन
प्लांट
के
मामले
में
91
प्रतिशत
वृद्धि
हुई
है।
उत्तराखण्ड
में
कोविड
जांच
दर
राष्ट्रीय
औसत
से
अधिक
रहा
है।
केविड
के
दौरान
पर्याप्त
चिकित्सकीय
और
पैरा
मेडिकल
स्टाफ
की
नियुक्ति
की
गई
है।
उत्तराखण्ड
केविड
वैक्सीनेशन
अभियान
में
शत
प्रतिशत
पहली
डोज
लगाई
जा
चुकी
है।
65
प्रतिशत
से
अधिक
दूसरी
डोज
दी
जा
चुकी
है।
इसमें
तेजी
लाई
जाने
के
लिए
जिलाधिकारियों
को
निर्देश
दिये
गये
हैं।
वैक्सीनेशन
के
लिए
331
मोबाईल
टीमें
बनायी
गई
हैं।
केविड
की
सम्भावित
तीसरी
लहर
से
संबंधित
सभी
तैयारियां
की
गई
हैं।
सभी
पीएचसी,
सीएचसी
और
प्रमुख
हेल्थ
व
वैलनेस
सेंटरों
पर
आक्सीजन
सिलेंडर
और
कंसंट्रेटर
की
व्यवस्था
कर
दी
गई
है।
2097
आक्सीजन
बेड,
475
एन.आईसीयू,
465
पी.आईसीयू
बच्चों
के
लिए
क्रियाशील
बना
दिये
गये
हैं।
सम्भावित
तीसरी
लहर
पर
सघन
निगरानी
और
नियंत्रण
संबंधी
तैयारियों
व
व्यवस्थाओं
के
लिए
स्टेट
टास्क
फोर्स
गठित
की
गई
है।
दून
मेडिकल
कालेज
की
लैब
में
प्रत्येक
कोविड
पॉजिटिव
की
जी-नॉम
सिक्वेंसिंग
किये
जाने
का
निर्णय
लिया
गया
है।