नोएडा भूमि घोटाले का हरिद्वार कनेक्शन सामने आने के बाद नौकरशाही में हड़कंप, जानिए पूरा प्रकरण
देहरादून, 25 मई। नोएडा में हुए करोड़ों के भूमि घोटाले का हरिद्वार कनेक्शन सामने आने के बाद नौकरशाही मे हड़कंप मचा हुआ है। इस पूरे मामले में 3 नौकरशाहों के सगे संबंधियों के नाम आने से मामला गरमा गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है मामला बाहर है लेकिन अगर इसमें प्रदेश का कुछ भी होगा तो कार्रवाई की जाएगी।

करोड़ों रुपये का जमीन घोटाला
ग्रेटर नोएडा के दादरी में हुआ करोड़ों रुपये के जमीन घोटाला सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। इस पूरे मामले में अब तक ग्रेटर नोएडा पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की है। जिसमे कुल 9 लोगों को आरोपी बनाया है। चिटहेरा गांव के लेखपाल की तरफ से दर्ज कराई गईं एफआईआर में मुख्य आरोपी गैंगस्टर यशपाल तोमर के साथ उत्तराखंड के दो आईएएस अफसरों व एक आईपीएस अफसर के परिजनों को भी कुल नौ आरोपियों में सह आरोपी बनाया गया है। इन लोगों पर धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा करने और फर्जी दस्तावेज पेश कर जमीन हथियाने और झूठे मुकदमों में ग्रामीणों को जेल भेजने जैसे बेहद संगीन आरोप लगे हैं। खास बात ये है कि तीनों अधिकारी हरिद्वार में तैनात रह चुके हैं। ऐसे में अब नौकरशाही में हलचल देखने को मिल रही है।
करोड़ों रुपये की जमीन कुर्क
पश्चिमी यूपी के चर्चित भू-माफिया यशपाल तोमर की नोएडा, मेरठ और बागपत में बेनामी संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई के बाद हरिद्वार जिला प्रशासन ने भी उनकी संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। मंगलवार को ज्वालापुर क्षेत्र में करोड़ों रुपये की जमीन को कुर्क कर लिया गया है। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने जमीन पर तहसीलदार को रिसीवर नियुक्त किया है। गैंगस्टर यशपाल तोमर की नया गांव ज्वालापुर स्थित करोड़ों की जमीन है। उत्तराखंड एसटीएफ की ओर से यशपाल तोमर गैंग पर कार्रवाई की जा रही है। पिछले दिनों एसटीएफ ने यशपाल तोमर को गिरफ्तार किया था।
फिल्मी कहानी है गैंगस्टर यशपाल तोमर की
फिल्म 'सात उचक्के' की तर्ज पर 20 साल पहले गैंगस्टर यशपाल तोमर का गुनाहों का सफर 2002 में शुरू हुआ था। तब उसके खिलाफ पुलिस के ऊपर जानलेवा हमला करने का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद उसने कई लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाया और अवैध संपत्तियां अर्जित कर लीं। दो बीघा जमीन से देखते ही देखते उसने करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर लिया। उसने कुल 28 लोगों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराए हैं। यशपाल तोमर का नाम पिछले साल हरिद्वार के एक बड़े व्यापारी की संपत्ति हड़पने में सामने आया था। मामला ज्वालापुर कोतवाली में दर्ज किया गया था। उसकी कहानी बॉलीवुड की फिल्म 'सात उचक्के' से काफी मिलती-जुलती है। फिल्म का किरदार किसी की संपत्ति हड़पने के लिए पहले दबाव बनाता है। फिर उसे झूठे मुकदमों में जेल भिजवा देता है। इसके बाद पुलिस के सामने इस तरह से कहानी प्रस्तुत करता है कि वह तथ्यों के आधार पर एकदम सच लगे। तोमर मूल रूप से बागपत का रहने वाला है। वह पेशे से किसान था और परिवार में पांच भाइयों के पास केवल नौ बीघा जमीन थी। यशपाल के हिस्से में दो बीघे से भी कम। इसके बाद उसने रसूखदारों के साथ मिलकर ऐसा खेल खेला कि सैकड़ों करोड़ की संपत्ति का मालिक बन गया।
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