'कोई कानून नहीं है जो राष्ट्रीय गीत गाने के लिए मुसलमानों को बाध्य करे'
लखनऊ। स्वतंत्रता दिवस पर देश के सभी मदरसों पर ध्वजारोहण की बात को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने बड़ा बयान दिया। जिलानी ने कहा कि देश के मुस्लिमों को राष्ट्रगान गाने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन राष्ट्रगीत गाने से मुस्लिम समुदाय के लोगों को आपत्ति है। साथ ही उनका कहना है कि संविधान में ऐसा कोई कानून नहीं है, जो मुस्लिमों को इसके लिए बाध्य करता हो और न ही सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कोई आदेश दिया है।
जफरयाब जिलानी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी को ऐसा कोई भी आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है, जिसमें राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत गाने के बारे में कहा जा सके। जिलानी का कहना है कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत दोनों अलग-अलग हैं। जो लोग सरकार से सहायता प्राप्त कर रहे हैं, उन्हें मजबूती से इसका पालन करना चाहिए।
गौरतलब है कि स्वतंत्रता दिवस के आयोजन पर उत्तर प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड ने 'भारत माता की जय' बोलना अनिवार्य करने का आदेश दिया है। बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस को वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर किए जाने वाले सभी कार्यक्रमों में राष्ट्रगान के बाद भारत माताा की जय बोलना जरूरी है। अगर कोई इस आदेश का पालन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस बार वीडियोग्राफी जरुरी नहीं
मदरसों में तिरंगा फहराए जाने की नियम में इस बार एक तब्दीली की गई है। इस बार इस कार्यक्रम का वीडियो नहीं बनाना होगा। 2017 में कार्यक्रम की वीडियोग्राफी करवाना अनिवार्य कर दिया गया था। इस बार वीडियोग्राफी की बाध्यता खत्म कर दी गई है। सरकारी निर्देशों के अनुसार, 15 अगस्त की सुबह 8 बजे मदरसों में झंडारोहण और राष्ट्रगान होगा।