बनारस पहुंचे युवराज सिंह, कहा- मां की हिम्मत से जीता कैंसर का मैच
वाराणसी। टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज और सिक्सर किंग युवराज सिंह आज बनारस पहुंचे। युवराज यहां जेएचवी माल में 'द क्लोजिंग कलेक्शन YWC' के फैशन शोरूम का उद्घाटन करने पहुंचे थे। बता दें कि युवराज, 'द क्लोजिंग कलेक्शन YWC' से होने वाली इनकम से वो अपने एनजीओ के माध्यम से कैंसर पीड़ित लोगो कें इलाज का खर्चा उठाते हैं। बनारस की इस यात्रा में युवी के साथ उनकी मां शबनम भी थी।
घंटो धूप में खड़े रहे फैंस
युवराज के बनारस पहुंचने से पहले ही बाबतपुर एयरपोर्ट पर उनकी एक झलक पाने के लिए प्रशंसकों की भीड़ लग गई थी। चिलचिलाती धूप में फैंस घंटों युवराज का इंतजार करते रहे। एयरपोर्ट से युवराज सीधे होटल रमाडा के लिए रवाना हुए जहां कुछ देर आराम करने के बाद उन्होंने मीडिया से बात की। बातचीत के दौरान युवराज ने कैंसर की लड़ाई से जीत का श्रेय युवराज ने अपनी मां को दिया। युवराज ने कहा कि मां ने मुझे बीमारी के दौरान काफी हिम्मत दी जिस वजह से आज मैं आप लोगों के बीच जिंदा खड़ा हूं।
कैंसर पीड़ितों की करते हैं मदद
दरसअल पिछले साल युवराज सिंह ने अपना कलॉथिंग कलेक्शन YWC लॉन्च किया था। इससे होने वाली कमाई उनके एनजीओ ‘YouWeCan' में जाती है। यह एनजीओ उन कैंसर पीड़ितों की मदद करता है, जो अपना इलाज नहीं करा सकते। इस इवेंट में युवी को सपोर्ट करने के लिए अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोण, काजोल, नेहा धूपिया, फरहान अख्तर, फराह खान समेत कई सेलिब्रिटी शामिल हैं। युवराज ने कहा कि कैंसर पीड़ितों को देखकर पहले बहुत खराब लगता था। बाद में एहसास हुआ कि यह कितना खतरनाक है। बस उसी समय से मन बनाया कि मैं अधिक से अधिक लोगों की मदद करुंगा। युवराज ने लोगों को सलाह देते हुए कहा कि कोई भी पुराना कट हो या बीमारी महसूस हो तो टेस्ट जरूर कराएं क्योंकि शुरूआती चरणों में कैंसर का इलाज संभव है।
मां ने जिताया कैंसर का मैच
अपने बीमारी के दिनों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि मुझे लगा था की मैं ये जंग हार जाऊंगा, लेकिन मेरी मां ने हार नहीं माना। देशवासियों ने मेरी लिए दुआ किया। आज मैं सबके लिए मिसाल हूं। वापस आकर फिर से टीम में क्रिकेट खेल रहा हूं। जब डॉक्टर ने मुझे एक दिन कहा की आप तंदरुस्त हो जाएंगे। ये बात सुनकर मेरे अंदर जोश आ गया। मेरी मां मेरी हिम्मत और ताकत हैं। उन्होंने ही मौत के के मैच में मुझे जीतने की हिम्मत दी। मेरे कैंसर से फाइट में मां की अहम भूमिका रही। कैंसर मरीज के लिए उसके घर वाले और दोस्त ही उसे लड़ने में मदद कर सकते हैं। ऐसे में मरीज के लिए मुझसे बड़ा उदाहरण और कोई नहीं हो सकता।