90 साल के बुजुर्ग की कृष्ण भक्ति देखकर आप भी रह जाएंगे आश्चर्यचकित
बरेली। हाथों में खनकती चूड़ियां पैरों में पायल, माथे पर बिंदिया और तन पर सोलह श्रृंगार। हम बात कर रहे हैं रेलवे के रिटायर्ड इंजीनियर रविन्द्र कुमार सक्सेना की, जिन्होंने रिटायर होने के बाद सारा जीवन कान्हा की भक्ति में लगा दिया और बन गए राधा। कृष्ण राधा की मूर्तियों के आगे झूमकर नाचने वाला यह शख्स ना तो स्त्री है और न ही किसी नाटक मण्डली का पुरुष, यह रेलवे विभाग से रिटायर्ड इंजीनियर रविन्द्र सक्सेना है, जो कई वर्ष पूर्व रेलवे से सेवामुक्त हो चुके हैं।
रविंद्र ने कई वर्ष पूर्व ही अपना सारा जीवन कान्हा को समर्पित कर दिया है। रविंद्र के अनुसार कुछ वर्ष पूर्व वह कान्हा के दर्शन के लिए बरसाने गए थे तो इन्होंने वहां कई अच्छे परिवार के लोगों को राधा के रूप में नृत्य करते देखा तभी से उन्हें कृष्ण की लगन लग गई। तब से रविन्द्र हर वर्ष जन्माष्टमी के मौके पर किसी भी मंदिर में जाकर राधा के रूप में नृत्य करते हैं। जब रविंद्र को कृष्ण की भक्ति में भाव विभोर होकर मंदिरों में नाचते झूमते हैं तो मंदिर परिसर में मौजूद लोग आश्चर्यचकित हो जाते हैं। वहीं कृष्ण की दीवानी इस अनोखी राधा की भक्ति के आगे नतमस्तक भी है।
रविन्द्र यह भी बताते है कि वह कभी आई जी पंडा से प्रेरित नहीं हुए बल्कि आत्मा के कहने पर राधा का रूप धारण करते हैं। वह यह भी कहते हैं कि कृष्ण नाम की भक्ति की ज्योति जिसके ह्रदय में जल जाती है वो खुद ही कृष्ण में रम जाना चाहता है। फिलहाल कहानी कुछ भी हो लेकिन एक 90 वर्षीय बुजुर्ग की दीवानगी कृष्ण के प्रति किसी को अचंभे में डाल सकता है।