स्कूल चेक करने गए योगी सरकार के मंत्री, खुद सही हिंदी तक नहीं लिख पाए
सुल्तानपुर। आपको यह बात जानकर आश्चर्य होगा कि यूपी सरकार के एक मंत्री सही ढंग से हिंदी तक नहीं लिख पाते। खुद सही से ना लिख पाने वाले मंत्री कई बार स्कूलों में शिक्षकों की परीक्षा लेने पहुंच जाते हैं। ताजा मामला यूपी के सुल्तानपुर का है।
प्रदेश की योगी सरकार साक्षरता बढ़ाने के लिए लाखों जतन कर रही है। पढ़े-लिखे शिक्षकों का सेलेक्शन किया जा रहा है। सरकार के मंत्री और अधिकारी गाहे-बगाहे इन शिक्षकों के ज्ञान की परीक्षा भी ले लेते हैं। लेकिन हैरत इस बात पर है कि सरकार में ऐसे भी मंत्री बैठे हैं जिन्हें स्वयं हिंदी लिखना नहीं आता।
ताज़ा मामला सुल्तानपुर के प्रभारी मंत्री जय प्रताप सिंह से जुड़ा है। 6-7 जुलाई को वो जिले के दो दिवसीय दौरे पर थे और इस बीच उन्होंने एक सरकारी स्कूल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद उन्होंने जो अपनी आख्या लिखी उसमें कई सारी त्रुटियां सामने आईं हैं।
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दो दिवसीय जिले के दौरे पर प्रभारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने दूबेपुर ब्लॉक अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालय तुराबखानी का औचक निरीक्षण किया था। प्रभारी मंत्री ने अपने भ्रमण के दौरान यहां पठन-पाठन का जायज़ा लिया एवं एमडीएम का निरीक्षण किया था।
उन्होंने छात्र/छात्राओं से पुस्तकें पढ़वाकर तथा कविताएं सुनकर शिक्षा की गुणवत्ता की जानकारी ली। पठन-पाठन की गुणवत्ता अच्छी पाए जाने पर विद्यालय की सहायक अध्यापिका अमरीन जमाल की सराहना करते हुए प्रशंसा प्रमाण पत्र भी दिया।
लेकिन यहीं पर मंत्री जी से बड़ी चूक हुई, उन्होंने रजिस्टर पर जो कुछ लिखा उसमें खामियां थीं। जैसे कि मंत्री ने निरीक्षण को 'निरिक्षण' लिखा, अध्यापिका को 'अवभापिका' और स्वच्छता को 'स्कछता' लिखा। यही नहीं उन्होंने शिक्षिका का नाम भी ग़लत लिखा। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि जब मंत्री के इस प्रकार के ज्ञानी हैं, तो उन्होंने उस शिक्षिका की गुणवत्ता को कैसे परखा।
मंत्री के साथ दौरे में जिलाधिकारी विवेक, सीडीओ राधेश्याम, भाजपा जिलाध्यक्ष जगजीत सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक गिरीश कुमार सिंह, बीएसए के.के.सिंह, उप जिलाधिकारी सदर जेपी सिंह आदि उपस्थित थे।
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