विधानसभा सत्र में किसानों को मुफ्त बिजली देने की घोषणा कर सकती है योगी सरकार, जानिए
लखनऊ, 14 मई : उत्तर प्रदेश में बीजेपी के प्रचंड बहुमत की सरकार बनने के बाद अब योगी सरकार अपने वादों को पूरा करने में जुट गई है। वादों को पूरा करने की कवायद के तहत ही सीएम योगी ने पिछले दिनों सभी विभागों के मंत्रियों का प्रजेंटेशन देखने के बाद 100 दिन के एजेंडे को पूरा करने का निर्देश दिया था। उसी तर्ज पर आगे बढ़ते हुए अब सरकार आगामी विधानसभा सत्र के दौरान किसानों को बड़ी सौगात का ऐलान कर सकती है। सूत्रों की माने तो इस बात पर मंथन चल रहा है कि लोक संकल्प पत्र में किसानों को फ्री बिजली देने का जो वादा किया गया था उसको कैसे पूरा किया जाएगा। सबकुछ सही रहा तो 23 मई से शुरू हो रहे विधानसभा के सत्र के दौरान किसानों को फ्री बिजली देने का ऐलान सरकार कर सकती है।

किसानों को फ्री बिजली देने के लिए अतिरक्ति सब्सिडी दे सकती है सरकार
ऊर्जा विभाग के सूत्रों की माने तो योगी आदित्यनाथ सरकार आगामी वार्षिक बजट में अतिरिक्त नकद सब्सिडी का प्रावधान करेगी, ताकि यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) को सत्ताधारी भाजपा के चुनाव पूर्व वादे को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश में किसानों को मुफ्त बिजली प्रदान की जा सके। सरकार द्वारा मई-जून में वर्ष 2022-23 के लिए वार्षिक बजट पेश करने की उम्मीद है। सरकार इस दौरान किसानों को फ्री बिजली देने की घोषणा कर सकती है।

UPPCL ने की है 2000 करोड़ रुपए सब्सिडी देने की मांग
वरिष्ठ अधिकारियों की माने तो यूपीपीसीएल ने राज्य सरकार से मांग की है कि उसे चालू वित्त वर्ष के दौरान किसानों के नलकूपों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने के कारण होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए ₹ 2,000 करोड़ की सब्सिडी प्रदान की जाए। एक अधिकारी ने कहा, "निगम ने चुनाव से पहले सरकार के निर्देशों पर किसानों के बिजली बिलों को आधा करने से होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए अतिरिक्त ₹ 250 करोड़ के बजटीय प्रावधान की भी मांग की है।"

शासन को ऊर्जा विभाग की तरफ से लिखा गया है पत्र
ऊर्जा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि, "कृषि विभाग अब यूपीपीसीएल को किसानों के नलकूपों को मुफ्त बिजली प्रदान करने के लिए सब्सिडी प्रदान करने के लिए अपने बजट में धनराशि निर्धारित करेगा। यूपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक की तरफ से किसानों को मुफ्त बिजली प्रदान करने के लिए अतिरिक्त कृषि सब्सिडी की मांग करते हुए सरकार को पत्र लिखा गया था। इसमें इस बात का भी जिक्र किया गया है कि किसानों द्वारा लगभग 13 लाख (1.3 मिलियन) निजी नलकूपों का उपयोग किया जा रहा था और लगभग 12 लाख ( उनमें से 1.2 मिलियन) अभी भी बिना मीटर के थे।''

16361 एमयू (मिलियन यूनिट) बिजली की खपत की उम्मीद
पत्र में लिखा था कि 2022-23 के दौरान सभी कृषि निजी नलकूपों से 16361 एमयू (मिलियन यूनिट) बिजली की खपत की उम्मीद थी। बिना मीटर वाले नलकूपों के मामले में नलकूपों की औसत बिलिंग मात्र ₹1.22 प्रति यूनिट और मीटर वाले नलकूपों के मामले में ₹2.54 प्रति यूनिट थी, जबकि औसत उत्पादन लागत ₹7.54 प्रति यूनिट थी। इस प्रकार, औसत राजस्व वसूली और आपूर्ति की औसत लागत के बीच का अंतर बिना मीटर वाले नलकूपों के मामले में ₹6.32 प्रति यूनिट और मीटर वाले के मामले में ₹5 प्रति यूनिट आया था।