सैफई में किसानों से कर्जमाफी की रकम अब वापस ले रही है योगी सरकार
प्रदेश में सरकार बनाने से पहले ही भाजपा ने किसानों से उनकी कर्जमाफी का ऐलान किया था। सरकार में आने के बाद इस प्रक्रिया को भाजपा ने पूरा भी किया, लेकिन अब किसानों के खातों से कर्ज माफी के एक लाख रुपयों को सरकार ने वापस लेना शुरू कर दिया है।
सैफई, इटावा। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने किसानों को एक लाख रुपए तक की कर्जमाफी का प्रमाणपत्र बांटकर चुनावी वादे को पूरा किया तो अब सैफई के कई किसानों से इस कर्जमाफी के पैसे को सरकार वापस ले रही है। वे किसान अपने आपको अब ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं और बैंकों व अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनको कोई जवाब नहीं मिल सका। प्रदेश में सरकार बनाने से पहले ही भाजपा ने किसानों से उनकी कर्जमाफी का ऐलान किया था। सरकार में आने के बाद इस प्रक्रिया को भाजपा ने पूरा भी किया, लेकिन अब किसानों के खातों से कर्ज माफी के एक लाख रुपयों को सरकार ने वापस लेना शुरू कर दिया है। योगी सरकार ने जिन किसानों को कर्जमाफी योजना का लाभ दिया था वो अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। किसान चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। बैंकों के अलावा जिलास्तरीय अफसरों के पास भी चक्कर लगा आए हैं, लेकिन उनसे भी कोई वाजिब जवाब किसानों को नहीं मिला है। बता दें कि सैफई में कर्जमाफी के प्रमाण पत्र मुख्य विकास अधिकारी ने वितरित किए थे। प्रमाण पत्र पाकर किसान बहुत खुश हो रहे थे और योगी सरकार को धन्यवाद दे रहे थे लेकिन उनकी ये खुशी ज्यादा दिन नहीं चली और सरकार ने उनके खाते में जो रुपए जमा कराए थे और जो कर्ज मांफी दी थी उसे खारिज कर दिया और खाते में जमा रुपए वापस मंगा लिए, इससे किसान बहुत ही आहत हैं।
ऐसे हुआ किसानों से धोखा!
किसान रामसेवक यादव और नगला आछे लाल के मिजाजी लाल का कहना है कि इनका एक-एक लाख रुपया माफ तो किया गया, प्रमाण पत्र भी दे दिए गए। इसके साथ ही बैंक पास बुक में इंट्री भी कर दी गई, लेकिन उसके बाद कर्ज माफी का रुपया सरकार ने बैंक से वापस मांगा लिया है। इन किसानों का कहना है कि 'हमसे बैंक ने कुछ बकाया रुपए जमा करा लिए और वो रुपए भी वापस नहीं दे रहे। किसान मिजाजी लाल, पुत्र हरिवंश नगला आछेलाल ने बताया कि मेरे भी 91,323 रुपए मांफ हुए थे जो बैंक में सरकार ने जमा भी करा दिए थे लेकिन बाद में वो रुपए वापस हो गए जिससे हम फिर कर्जदार हो गए।
उपजिलाधिकारी ने कहा लिखित में शिकायत करें किसान
किसान कमलेश कुमार ने बताया कि मुझ पर 1 लाख 54 हजार कर्ज था, जिसमें सरकार ने 1 लाख रुपए मांफ कर दिए थे बाकी 62 हजार मैंने कर्ज लेकर जमा कर दिए। मेरे खाते में 29 अगस्त को सरकार द्वारा 1 लाख रुपए जमा किए गए, जबकि बाद में वो रुपया 21 नवंबर को वापस मंगा लिया गया। किसान रामसेवक ने बताया कि मेरे ऊपर 2 लाख 85 हजार कर्ज था। मेरे खाते में 18 अक्टूबर को 1 लाख रुपए शासन ने जमा कराया था, जिसे 21 नवंबर को बापस ले लिया गया, ये सरासर धोखा है।
सैफई
के
उपजिलाधिकारी
मोहम्मद
कमर
ने
बताया
कि
'इस
तरह
की
कोई
भी
शिकायत
नहीं
आई
है।
अगर
कोई
शिकायत
आती
है
जांच
करवाई
जाएगी।
लेकिन
जब
उनके
सामने
तीनों
पीड़ित
किसानों
को
पेश
कर
दिया
जाता
है
तो
फिर
वो
यह
कहने
की
स्थिति
में
आ
जाते
हैं
कि
तीनो
अगर
लिखित
शिकायत
करते
हैं
तो
फिर
उच्चाधिकारियों
को
अवगत
कराकर
इनकी
मदद
की
कोशिश
की
जाएगी।
करीब 26 बैंक खातों में से वापस हुए रुपए
वहीं, पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर वीके चतुर्वेदी ने बताया कि सरकार ने 26 बैंक खातों से ऋण मोचन योजना में जमा कराया गया रुपया वापस ले लिया है। उत्तर प्रदेश के कृषि निदेशक ने बैंक मुख्यालय को पत्र लिखकर इन बैंक खातों में जमा की गई रकम को वापस मांगा तो बैंक ने आदेश का पालन करते हुए रुपए वापस कर दिए। उन्होंने कहा कि कुछ किसान ऐसे हैं जो कर्जमाफी के दायरे में आते हैं, लेकिन उनका भी पैसा सरकार ने वापस मांग लिया है।
फैसले से किसान हुए परेशान
इसके अलावा सैफई स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा से इस तरह की खबर आ रही है कि वहां भी कई किसानों का कर्ज माफ किए जाने के बाद रकम वापसी की गई है, जिनका डाटा संकलित किया जा रहा है। योगी सरकार की ओर से चलाई हुई ऋण मोचन योजना की राशि बिना खातेदार की मर्जी से ही सरकार के निर्देश पर वापिस ली जा रही है। इसे सरकार का कौन सा रवैया कहा जाएगा ये बड़ा सवाल है। इस फैसले के बाद किसान परेशान हो गए।
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