इंदौर के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (SWM) लागू करने की तैयारी में योगी सरकार, जानिए इसकी वजहें
उत्तर प्रदेश में स्वच्छ, हरित और नियोजित शहरों को सुनिश्चित करने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य के शहरी निकायों में इंदौर के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (SWM) मॉडल को लागू करेगी। देश के सबसे स्वच्छ शहर माने जाने वाले इंदौर के स्वच्छता मॉडल की व्यापक समीक्षा के लिए उत्तर प्रदेश की एक टीम ने रणनीति का आकलन किया। अधिकारियों की माने तो जल्द ही सरकार इसको लेकर बड़ा कदम उठाएगी।
अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान टीम ने ट्रेंचिंग ग्राउंड में स्थित एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट का भी दौरा किया। उत्तर प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन की निदेशक नेहा शर्मा सहित मथुरा-वृंदावन, झांसी, अलीगढ़, सहारनपुर, बरेली, फर्रुखाबाद, कुशीनगर, इकदिल नगर, मुरादाबाद, गोरखपुर जैसे नगरीय निकायों के करीब 13 प्रतिनिधि दौरे पर गए थे।
टीम ने हाल ही में बायो सीएनजी प्लांट का अवलोकन किया था। टीम के सदस्यों ने कंट्रोल कमांड सेंटर का भी दौरा किया। यात्रा के दौरान पिछले छह वर्षों में स्वच्छता के लिए की गई पहलों पर एक प्रस्तुति दी गई। उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को इंदौर शहर में स्पॉट फाइन और कचरा संग्रहण शुल्क के बारे में जानकारी दी गई।
रविवार को ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थित बायो सीएनजी प्लांट का भी दौरा किया। दो घंटे के दौरे के दौरान उन्होंने प्लांट की कार्यप्रणाली को समझा। उत्तर प्रदेश के शहरों में नगर निकायों के माध्यम से 300 टन से 400 टन गीले कचरे से बायो सीएनजी प्लांट तैयार करने की योजना है।
मुख्य सचिव ने राजवाड़ा के पास स्थित गोपाल मंदिर का भी दौरा किया। मुख्य सचिव के साथ, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के अध्यक्ष आदर्श गोयल और दो अन्य सदस्यों ने भी जैव सीएनजी संयंत्र का दौरा किया। टीम उत्तर प्रदेश ने इंदौर की स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं का फील्ड में बहुत गहराई से अध्ययन किया। लोगों से चर्चा की और कार्यप्रणाली को बारीकी से समझा।
मुख्य सचिव ने बायो सीएनजी प्लांट का दौरा करने और इंदौर शहर के स्वच्छता मॉडल की कार्यप्रणाली समझाने के लिए इंदौर के जिलाधिकारी और नगर आयुक्त का भी आभार व्यक्त किया।
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