प्रयागराज का नाम बदलकर इलाहाबाद रखने वाले मुगल शासक के जर्जर किले को संवारेगी योगी सरकार
इलाहाबाद। मुगल शासक अकबर द्वारा बनवाए गए इलाहाबाद के किले को अब योगी सरकार निखारेगी। किले की दीवारों की खोई रंगत वापस लौटेगी और दीवार की पत्थरों में टूट-फूट को रिपेयर कर किले को संवारा जाएगा। योगी सरकार ने इसके लिए 2 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया है। इलाहाबाद में लगने वाले कुंभ से पहले यह किला एक बार फिर से चमक उठेगा और पर्यटकों को लुभाता नजर आएगा।
ऐसे किया जाएगा जीर्णोद्धार
सबसे खास बात किले की दीवार के पत्थर में टूट-फूट को रिपेयर करने के लिए हूबहू वैसे ही पत्थरों का उपयोग किया जाएगा, जैसे पत्थर पहले लगे हुए थे। यानी लोगों के लिए यह पहचानना मुश्किल होगा कि किला रिपेयर किया गया है या पहले का ही बना हुआ है। जबकि किले की दीवारों पर हुई वॉल पेंटिंग को केमिकल द्वारा साफ कर दीवारों के कलर को मेंटेन कर दिया जाएगा। जिस से दीवार पर दाग धब्बे नजर नहीं आएंगे। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि बजट जारी हो गया है और जल्द ही काम शुरू होगा।
सैलानियों को लुभाएगा लेजर शो
संगम तट पर बने अकबर के किले की खूबसूरती पहले से ही देशी विदेशी विदेशी सैलानियों को लुभाती रही है। साथ ही नौका विहार के दौरान यमुना की लहरों से टकराती किले की दक्षिणी दीवार एक अद्वितीय नजारा पेश करती हैं। लेकिन इस बार सैलानियों के लिए लेजर शो देखने की भी व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए 10 करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया है । यह लेजर शो भारतीय सांस्कृतिक व ऐतिहासिक विरासत के दृश्यों का दर्शन कराएगा। जाहिर है देश विदेश से आने वाला हर शख्स भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत से परिचित होना चाहता है, ऐसे में लेजर शो उन्हें खूब लुभाएगा।
अव्यवस्था का शिकार है किला
सैकड़ों वर्षो से लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ इलाहाबाद का किला मौजूदा समय अव्यवस्थाओं का शिकार है। देखरेख के अभाव में किले की दीवारें लगातार क्षतिग्रस्त हो रही है। इसकी दीवारों पर वाल पेंटिंग और अराजक तत्वों द्वारा तोड़फोड़ भी की गई है। समुचित देखरेख ना होने के कारण किले की ऐतिहासिक विरासत धीरे-धीरे धूमिल भी हो रही है। ऐसे में कुंभ से पहले किले को चमकाने की कवायद बेहद ही प्रभावशाली साबित होगी और 2019 के कुंभ को विशेष बनाने में सहयोग करेगी। बता दें कि इलाहाबाद का यह किला मुगल शासक अकबर ने 1583 ई. में बनवाया था और उन्होंने ही इस शहर का नाम प्रयागराज से बदल कर इलाहाबाद रख दिया था। मौजूदा समय में किले का सिर्फ अक्षयवट वाला हिस्सा ही आम जनता के दर्शन के लिए खोला गया है । बाकी के पूरे हिस्से पर सेना का कब्जा है और सेना ने इसे आयुध भण्डार गृह बना रखा है।
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