योगी सरकार ने वापस लिया सपा विधायक जवाहर पंडित हत्याकांड का मुकदमा, कोर्ट में दी अर्जी
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रयागराज के बाहुबली करवरिया बंधु के ऊपर चल रहे विधायक जवाहर पंडित हत्याकांड का मुकदमा वापस लेने का निर्णय लिया है। इस बावत कोर्ट में मुकदमे की कार्यवाई समाप्त करने के लिये प्रार्थना पत्र दिया गया है। इस बाबत राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि करवरिया बंधुओं के ऊपर इस मामले में कोई भी विश्वसनीय साक्ष्य नहीं दिया जा सके हैं ना तो विश्वसनीय साक्ष्य मौजूद हैं, जिससे कि करवरिया बंधुओं को दंडित किया जा सके। संभावना है कि दिवाली से पहले ही करवरिया बंदियों की रिहाई का आदेश जारी हो सकता है। अब केस वापसी पर पांच नवंबर को सुनवाई होगी।
चार साल से जेल में बंद हैं करवरिया बंधु
जवाहर
यादव
उर्फ
पंडित
हत्याकांड
13
अगस्त
1996
को
तत्कालीन
समय
का
सबसे
चर्चित
मर्डर
केस
था
इस
केस
में
खूब
सुर्खियां
बटोरी
थी
और
पहली
बार
एके-47
से
वारदात
को
अंजाम
देने
का
वाकया
सामने
आया
था।
इस
केस
में
उदयभान
करवरिया
1
जनवरी
2014
से
जेल
में
हैं,
जबकि
कपिलमुनि
और
सूरजभान
28
अप्रैल
2015
से
बंद
हैं।
सपा
सरकार
के
दौरान
करवरिया
बंदियों
को
इनके
वर्चस्व
के
चलते
वह
चुनाव
को
जेल
के
अंदर
से
प्रभावित
करने
की
संभावनाओं
को
देखते
हुए
इन्हें
प्रयागराज
की
नैनी
जेल
से
ट्रांसफर
कर
दिया
गया
था।
हालांकि
सूबे
में
सत्ता
परिवर्तन
के
बाद
जब
योगी
सरकार
सत्तारूढ़
हुई
तो
करवरिया
बंधुओं
को
वापस
नैनी
जेल
में
ले
आया
गया।
करवरिया
बहू
नीलम
के
चुनाव
जीतने
के
बाद
ही
इनकी
रिहाई
के
रास्ते
खुलने
लगे
थे
जिस
पर
अब
योगी
सरकार
के
फैसले
ने
मुहर
लगा
दी
है।
अब तक क्या हुआ है
विधायक जवाहर पंडित मर्डर केस में अब तक दो बार सीबीसीआईडी जांच कर चुकी है। मामले फाइनल रिपोर्ट लगने के बाद मुकदमा कोर्ट में ट्रायल पर चल रहा है। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट दोनों ने दिशानिर्देश भी पूर्व में जारी किया था, जिसके बाद सुनवाई चल चल रही है । अब तक ट्रायल के दौरान अभियोजन के 18 और बचाव पक्ष के 65 गवाहों के बयान दर्ज हो चुका है। साथ ही जेल में बंद करवरिया बंधु की जमानत अर्जी भी कोर्ट से खारिज हो चुकी है। शनिवार को शासन से इस बाबत निर्देश मिलने के बाद डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि के निर्देश पर विशेष अधिवक्ता रणेंद्र प्रताप सिंह ने मुकदमे की सुनवाई कर रहे एडीजे रमेश चंद्र के समक्ष प्रार्थनापत्र प्रस्तुत कर मुकदमे की कार्यवाही समाप्त करने की प्रार्थना की है। सोमवार को इस पर सुनवाई होगी।
क्या
थी
घटना
विधायक
जवाहर
यादव
उर्फ
पंडित
की
हत्या
13
अगस्त
1996
को
सिविल
लाइंस
में
हुई
है।
उस
दिन
दिनदहाड़े
ही
गोलियों
की
तड़तडाहट
से
पूरा
जिला
गूंज
गया
था।
सिविल
लाइंस
का
पूरा
इलाका
डर
और
दहशत
से
कई
दिन
तक
दहला
रहा
।
सबसे
आश्चर्य
की
बात
यह
थी
कि
जवाहर
यादव
को
मारने
के
लिए
अत्याधुनिक
असलहो
का
इस्तेमाल
किया
गया
था।
बताया
जाता
है
कि
यह
जिले
की
पहली
ऐसी
घटना
थी
जब
किसी
हत्या
में
एके-47
का
इस्तेमाल
किया
गया
था।
13
अगस्त
की
शाम
लगभग
6:00
बजे
जिस
वक्त
वारदात
को
अंजाम
दिया
गया
उस
वक्त
जवाहर
यादव
अपनी
मारुति
कार
से
रेलवे
स्टेशन
की
ओर
जा
रहे
थे
।
सुभाष
चौराहे
से
थोड़ा
दूर
काफी
हाउस
के
नजदीक
अचानक
उन
पर
हमला
हुआ
और
एके-47
से
उनकी
गाड़ी
पर
ताबड़तोड़
फायरिंग
की
गई,
जिसमें
कार
सवार
जवाहर
पंडित
व
एक
राहगीर
समेत
तीन
लोगों
की
मौत
हुई
थी।
जवाहर
पंडित
की
हत्या
में
पूर्व
विधायक
उदयभान
करवरिया,
उनके
भाई
पूर्व
सांसद
कपिलमुनि
करवरिया,
पूर्व
एमएलसी
सूरज
भान
करवरिया
और
मामा
रामचंद्र
उर्फ
कल्लू
पर
एफ
आई
आर
दर्ज
हुई
थी।
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