चंद्र ग्रहण: 26 साल बाद बदला विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती का समय, देवालयों के पट हुए बंद
वाराणसी। काशी की विश्व प्रसिद्ध सायंकालीन दैनिक गंगा आरती शुक्रवार को दिन में ही सन्नपन हो गई। ऐसा 26 साल में दूसरी बार हुआ है, जब आरती दिन में हुई। आपकों बता दें कि सदी के सबसे लंबे चंद्र ग्रहण के कारण हुआ है। इतना ही नहीं चंद्र ग्रहण से नौ घंटा पहले लगे सूतक के चलते मंदिरों के पट भी बंद हो गए। अब मोक्ष काल के बाद शनिवार की सुबह मंगला आरती के बाद ही मंदिरों के पट खुलेंगे।
पौराणिक मान्याताओं के अनुसार ग्रहण के सूतक काल में सभी देवालयों के कपाट बंद होने की परंपरा है। इसे देखते हुए विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती के समय में भी बदलाव किया गया हैं। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने बताया कि 26 सालों के इतिहास में यह दूसरा मौका होगा जब गंगा आरती दिन में होगी। इससे पहले पिछले वर्ष श्रावण पूर्णिमा के दिन 7 अगस्त को भी दिन में 12 बजे आरती की गई थी।
गंगोत्री सेवा समिति के पं. किशोरी रमण दुबे ने बताया कि हिन्दू शास्त्रों के अनुसार चन्द्र ग्रहण से पूर्व सूतक लगने से पूर्व चंद्रग्रहण के 9 घंटे पहले लग जाती है ,जो कि इस बार ग्रहण का स्पर्श रात्रि 11:54 मिनट पर लग के मोक्ष रात्रि 3:49 मिनट पर होगा। इसके तदनुसार सूतक दोपहर 2:45से प्रारंभ हो जाएगा। इस दिन गुरु पूर्णिमा होने के कारण गुरु पूजन आदि शुभ कर्म सूतक से पहले होना चाहिए इसलिए गंगा सेवा निधि द्वार उस दिन की महाआरती दोपहर में एक बजे से होगी।