नसबंदी में महिलाओं ने दिखाई रुचि तो वहीं पुरुषों के कदम ठिठके
कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की बैठक हुई। डीएम अजय दीप सिंह ने खंड विकास अधिकारियों को इस अभियान में ग्राम प्रधानों का सहयोग लेने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत से दो पुरुषों की नसबंदी के केस अवश्य होना चाहिए।
बहराइच। जिले की जनसंख्या नियंत्रण की जिम्मेदारी सिर्फ आधी आबादी निभा रही है। वहीं पुरुष संकोचवश या अनचाहे डर के कारण ना के बराबर आगे आए हैं। तीन साल में 8384 महिलाओं ने नसबंदी कराई है, जबकि पुरुषों का आंकड़ा महज 58 का है। इस पर डीएम अजयदीप सिंह ने कड़ी नाराजगी जताते हुए प्रदेश के औसत आंकड़े की पूर्ति करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में 21 नवंबर से चार दिसंबर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मनाया जाएगा।
कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की बैठक हुई। डीएम अजय दीप सिंह ने खंड विकास अधिकारियों को इस अभियान में ग्राम प्रधानों का सहयोग लेने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत से दो पुरुषों की नसबंदी के केस अवश्य होना चाहिए। सभी ब्लॉकों पर 21 से 27 नवंबर के बीच ग्राम प्रधानों की बैठकें आयोजित कर उन्हें प्रेरित किया जाए। उन्होंने ये भी कहा कि प्रत्येक लाभार्थी को प्रोत्साहन राशि के रूप में तीन हजार और प्रेरक को चार सौ रुपए मिलेंगे।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके पांडेय ने बताया कि उत्तर प्रदेश में जहां प्रत्येक 60 महिला नसबंदी पर एक पुरुष की नसबंदी होती है, वहीं जिले का अनुपात 80 महिला पर एक पुरुष का है। उन्होंने ही बताया कि वर्ष 2014-15 में 2126 महिला नसबंदी पर दो पुरुष, वर्ष 2015-16 में 2384 महिला नसबंदी पर सात पुरुष और वर्ष 2016-17 अन्तर्गत 3884 महिला नसबंदी पर 49 पुरुषों की नसबंदी हुई है। इस अवसर पर जिला परिवार नियोजन विषेशज्ञ कमलेश कुमार सहित अन्य अधिकारी व खंड विकास अधिकारी मौजूद रहे।
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