घूसखोरी में पकड़ी गई महिला क्लर्क रंगे हाथ, कहा- वो वकील साहब ने कहा था ले लेना
'उन्होंने मुझे फोन पर कहा कि इनसे 10 हजार ले लीजिए मैं आऊंगा तो आपसे ले लूंगा, अगर मैं वैसी होती तो मुंह भी ना दिखाती'
वाराणसी। जिला पंचायत के स्थापना विभाग की महिला बाबू नीलम सिंह को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने 10 हजार रुपए घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। गिरफ्तार महिला ने इस गिरफ्तारी को अपने खिलाफ साजिश बताते हुए कहा कि जो काम मैं देखती ही नहीं उस काम के लिए मुझे किसी और का पैसा देकर पुरानी रंजिश के कारण फंसाया जा रहा है, घूसखोर होती तो चेहरा छिपाती फिरती। एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर ने महिला के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा कायम कर उसे जेल भेज दिया है।
डीएम से शिकायत पर हुई कर्रवाई
एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर राम सागर ने बताया कि शिकायतकर्ता अरुण उपाध्याय ने चौबेपुर के डीएम से शिकायत की थी कि मेरे पिता जी की पेंशन रुकी हुई है जिसके लिए मैं 2012 से दौड़ रहा हूं, मेरे पिता विभाग से निलंबित हुए इसी दौरान उनका रिटायरमेंट हो गया। जिसके बाद से मैं लगातार दौड़ रहा हूं। इस काम को कराने के लिए यहां की महिला बाबू नीलम सिंह ने 20 हजार की डिमांड की। जिस पर डीएम स्टेनो ने एंटी करप्शन की टीम को सच्चाई जानने भेजा। वहां ये 10 हजार घूस लेती रंगे हाथ गिरफ्तार की गई। इन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत जेल भेज दिया गया।
आरोपी महिला ने कहा वकील को देने थे पैसे
इस मामले में गिरफ्तार महिला बाबू नीलम ने कहा कि ये पेंशन की बात है जबकि मेरा पटल स्थापना में मैं केवल रिकॉर्ड का काम देखती हूं। इनकी पेंशन की फाइल जिला पंचायत में हाईकोर्ट के वकील प्रशांत सिंह के पास है जो इनका केस देख रहे हैं। उन्होंने मुझे फोन पर कहा कि इनसे 10 हजार ले लीजिए मैं आऊंगा तो आपसे ले लूंगा, ये पैसा मैंने वकील साहब के कहने पर लिया उसके बाद अचानक एंटी करप्शन की टीम ने आकर मेरे ऊपर घूस लेने का आरोप लगाते हुए मुझे गिरफ्तार कर लिया। शिकायतकर्ता मेरे गांव के बगल के निवासी हैं, मुझे अच्छी तरह जानते हैं की मैं ऐसी नहीं हूं फिर भी इन्होंने ऐसा क्यों किया मुझे समझ में नहीं आ रहा है!
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