उपेक्षा से नाराज हॉकी प्लेयर मोहम्मद शाहिद की पत्नी लौटा रही हैं पद्मश्री और अर्जुन अवार्ड
वाराणसी। भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कैप्टन और डबलिंग के शहंशाह स्वर्गीय मोहम्म शाहिद की पत्नी अपने स्वर्गीय पति की उपेक्षा से इतनी आहत है की उनको मिले पद्मश्री सम्मान अर्जुन अवार्ड सहित सरकार से मिले सभी पुरस्कार लौटाने जा रही हैं। वाराणसी में रह रही मोहम्मद शाहिद की पत्नी परवीन अपने पति की सरकार द्वारा उपेक्षा से काफी नाराज है। उनकी माने तो दो साल हो गए, लेकिन आज तक उनके पति मोहम्मद शाहिद के नाम पर सरकार एक टूर्नामेंट तक नहीं करा सकी।
पिछले साल उन्होंने अपने प्रयास से एक टूर्नामेंट जरूर कराया था, लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं है वो हर साल टूर्नामेंट करा सकें। वो कहती है की काफी वायदे मंत्रियों और लोगों ने किए लेकिन एक भी पूरा नहीं हुआ। दो साल हो गए मोहम्मद शाहिद को दिवंगत हुए लेकिन उनकी स्मृतियों को सहेजने का कोई प्रयास नहीं किया गया। सरकार एक खेल का टूर्नामेंट तक नहीं करा सकी। तो ऐसे पुरस्कार और सम्मान रखने का क्या फायदा मैं सब वापस कर दूंगी। कई बार प्रधानमंत्री से भी मिलने का प्रयास किया, लेकिन लोगों ने मिलने नहीं दिया। सरकार ने कहा था कि उनके नाम स्टेडियम बनेगा लेकिन वो भी नहीं हो सका अब तो 20 जुलाई को उनकी पुण्य तिथि है उसके बाद 21 जुलाई को हम सारे सम्मान वापस कर देंगे।
कौन
थे
मोहम्मद
शाहिद
शाहिद
का
जन्म
14
अप्रैल
1968
को
वाराणसी
के
कैंट
थाना
क्षेत्र
के
कचहरी
में
हुआ
था
मोहम्मद
शाहिद
ने
1980
में
मॉस्को
में
ओलंपिक
में
स्वर्ण
पदक
जीत
देश
का
नाम
रोशन
किया
था।
यही
नहीं
उन्हें
हॉकी
में
डबिंग
स्टार्ट
कर
करने
का
विजय
प्राप्त
है
इसके
बाद
मोहम्मद
शाहिद
में
1982
के
एशियन
गेम्स
में
रजक
पदक
जीतने
वाले
टीम
का
हिस्सा
थे
तो
वहीं
1986
में
एशियाड
खेलों
में
कान्स
पदक
जीतने
वाले
टीम
के
सदस्य
थे।
साल
1980-81
में
इन्हें
अर्जुन
पुरस्कार
से
सम्मानित
किया
गया
था।
वहीं,
1986
में
भारत
सरकार
ने
मोहम्मद
शाहिद
को
पद्मश्री
से
सम्मानित
किया।
यही
नहीं
शाहिद
पद्मशी
से
सम्मानित
होने
वाले
सबसे
युवा
खिलाड़ी
थे।
वहीं,
कई
बार
भारतीय
टीम
की
कमान
भी
सम्भाल
चुके
थे।
हॉकी
का
ये
शहंशाह
20
जुलाई
2016
को
हम
सब
को
छोड़
चला
गया।
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