बहुत खास है सैफई की विशाल कृष्ण मूर्ति, अखिलेश से भाजपा क्यों हुई है खफा?
इटावा। सपा मुखिया अखिलेश यादव भी पीएम मोदी के नक्शेकदम पर चल रहे हैं। मोदी ने गुजरात में पटेल की सबसे बड़ी मूर्ति बनवाई तो अखिलेश सैफई में भगवान कृष्ण की मूर्ति बनवा रहे हैं। दावा है कि यह दुनिया में मुरलीधर की सबसे बड़ी मूर्ति है। इसका वजन और लागत जानकर आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे। कारीगरों को भी अमेरिका से बुलाया गया है। भाजपा इस मूर्ति को लेकर अखिलेश यादव की आलोचना कर रही है।
35 टन तांबा और 25 टन स्टील से बनी मूर्ति
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इटावा के सैफई स्थित अपने स्कूल में 51 फीट ऊंची और 60 टन वजन की भगवान कृष्ण की मूर्ति बनवा रहे हैं। छह करोड़ 32 लाख रुपये में यह मूर्ति तैयार हो गई है। मूर्ति का निर्माण छह महीने से हो रहा है, और इसके बनने की किसी को कानोकान खबर नहीं पहुंची। भगवान कृष्ण की मूर्ति को 'रथ-पाणी' मुद्रा में दिखाया गया है। इसमें दिखाया गया है कि भीष्म पितामह पर क्रोधित होकर कृष्ण शस्त्र न उठाने की अपनी प्रतिज्ञा भी तोड़ देते हैं। मूर्ति के आसपास कुरुक्षेत्र का रूप दिया जाएगा। इससे पूरा महाभारत काल दिखाई देगा। मूर्ति को बनवाने के लिए स्टील जापान से मंगवाया गया है। इसमें 35 टन तांबा और 25 टन स्टील लगा है। कृष्ण के हाथ स्थित चक्र का वजन करीब सात टन है। इसे पूरा होने में करीब चार महीने लगेंगे।
इंजीनियरों का कहना है कि मूर्ति की स्थापना 15 जनवरी को हो जाएगी, लेकिन इसका उद्घाटन स्कूल खुलने के बाद ही किया जाएगा।- मूर्ति को बनाने के लिए अमेरिका के कलाकारों को बुलाया गया है। इसमें प्राची प्रताप, प्रशांत प्रताप और एडवर्ट ब्रथेट शामिल हैं। इन्हीं तीनों मूर्तिकारों ने जनेश्वर मिश्र पार्क में मौजूद जनेश्वर की मूर्ति को बनाया था। 2012 से ये सभी समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए हैं। मूर्ति को रंगने के लिए दुबई से मो. हसीब को बुलाया गया है। इस पर जहाजों पर किया जाने वाला पेंट किया जाएगा। यह पेंट मौसम-पानी से डल नहीं पड़ता है। चमक बरकरार रहती है। भगवान कृष्ण की मूर्ति के स्ट्रक्चर को नोएडा के सूरजपुर के बिल्डर इमामुद्दीन और रियाज ने वेल्ड किया है। हसीब ने जाने-माने बिजनेस शिप्स पेंट किए हैं, इसमें सउदी अरब का ब्लू शिप 'कार्गो' भी शामिल है।
विद्यालय परिसर में स्थापित हो रही मूर्ति
अगर हम सैफई करहल रोड पर चलें तो सैफई पेट्रोल पंप के बराबर से एक रास्ता सैफई मेडिकल कॉलेज की तरफ जाता है बमुश्किल 200 मीटर चलने के बाद एक विशाल परिसर हमारे बाएं हाथ पर नजर आएगा, जो एक विद्यालय के रूप में निर्माणाधीन है | यह करीब 50 बीघा जमीन में बनाया जा रहा है | फिलहाल 70 मीटर गुणा 70 मीटर क्षेत्रफल में इस विद्यालय का निर्माण कार्य चल रहा है | इसकी प्रथम मंजिल का ढांचा तैयार हो चुका है | दूसरी मंजिल के लिए ढांचा तैयार किया जा रहा है | जब हम इस विद्यालय के अंदर जाकर इसके अंदरूनी परिसर मे पहुंचते है तो यहां श्री कृष्ण भगवान की लगभग 50 फीट ऊंची मूर्ति को एक प्लेटफार्म पर लगाने का प्रयास किया गया है। जब इस मूर्ति के बारे में जानकारी की गई तो मालूम पड़ा कि पिछले सितंबर माह से यह मूर्ति तीन टुकड़ों में नोएडा से मंगाई गई है, और इसकी आखिरी खेप अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह में प्राप्त हुई है | इन तीनों हिस्सों को तैयार कर इस विद्यालय के परिसर में इकट्ठा किया गया और कुछ दिन पहले इसको संतुलन के आधार पर इस विद्यालय में स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है।
कृष्ण भगवान की सबसे ऊंची प्रतिमा
मूर्ति कांसा यानि कि तांबा और पीतल की मिश्रित धातु से मिलकर बनाई गई है, जिसका वजन लगभग 50 टन बताया गया है। मूर्ति अंदर से खोखली है लेकिन अपनी ऊंचाई के लिए यह मूर्ति भारतवर्ष में श्री कृष्ण भगवान की सबसे ऊंची मूर्ति बताई जा रही है। मूर्ति का थीम महाभारत से लिया गया है। जब श्री कृष्ण भगवान द्वारा शस्त्र ना उठाने की कसम के बावजूद भी वे रथ के पहिए को निकालकर आक्रामक स्थिति में नजर आ रहे हैं। बताया गया है कि इस मूर्ति स्थापना के पीछे सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव का विचार रहा है, और उनके निर्देशन के अनुसार ही विद्यालय के निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के अवसर पर इस श्री कृष्ण प्रतिमा का अनावरण किया जाना प्रस्तावित है।
भाजपा ने बनाया इसे मुद्दा
भाजपा द्वारा इस प्रतिमा को राजनीतिक रूप देते हुए यह मुद्दा बनाया गया है। बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव, यादव वर्ग और अन्य श्री कृष्ण अनुयायियों में अपनी पैठ बढ़ाने के उद्देश्य से लोकसभा चुनाव 2019 से पहले इस प्रतिमा का अनावरण करेंगे और आम जनता में यह संदेश देने का प्रयास करेंगे कि सपा भावनात्मक रूप से सभी हिंदुओं की पार्टी है और वह सभी हिंदू देवी-देवताओं का सम्मान करती है। वहीं दूसरी ओर इस मूर्ति की स्थापना को लेकर सैफई महोत्सव समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि भाजपा द्वारा इस मूर्ति स्थापना को अनावश्यक तूल दिया जा रहा है। सैफई में पहले से ही बजरंगवली की मूर्ति का अनावरण किया जा चुका है जो अपने आप में एक विशाल प्रतिमा है। श्री कृष्ण प्रतिमा की स्थापना भी एक निजी विचारधारा है। इसको राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए।
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