कौन है हिमांगी सखी, जिन्हें ज्ञानवापी में जलाभिषेक का ऐलान करने पर मिली टुकड़े-टुकड़े करने की धमकी
मथुरा, 12 जून: किन्नर महामंडलेश्वर एवं प्रथम किन्नर भागवताचार्य हिमांगी सखी शनिवार 11 जून को वृन्दावन प्रवास पर आईं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए काशी के ज्ञानवापी में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने की इच्छा जाहिर की है। कहा कि वो भगवान शिव शंकर का जलाभिषेक और पूजा अर्चना करने के लिए वो अदालत जाएंगी और कोर्ट से इजाजत लेंगी। तो वहीं, अब काशी आने के ऐलान करने के बाद हिमांगी सखी को सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी मिली है।

कौन है हिमांगी सखी
हिमांगी मां उर्फ हिमांगी सखी पशुपतिनाथ अखाड़े की किन्नर महामंडलेश्वर के साथ-साथ प्रथम किन्नर भगवताचार्य भी है। शनिवार को वह मथुरा के वृंदावन स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर पहुंची और मीडिया से मुखातिब हुई। उन्होंने कहा कि वह अर्द्धनारीश्वर द्वारा ज्ञानवापी में दूसरे अर्द्धनारीश्वर की पूजा करने की इजाजत के लिए अदालत में याचिका दायर करेंगी। कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद वह वाराणसी जाएंगी और भगवान शिव पर गंगा जल चढ़ाएंगी।
धमकियों से डरने वाली नहीं: हिमांगी सखी
काशी आने का ऐलान करने के बाद किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी को कुछ लोगों ने काट कर टुकड़े-टुकड़े कर देने की धमकी दी है। हालांकि इसे लेकर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने कहा है कि वह धमकियों से डरने वाली नहीं हैं। उन्होंने कहा कि किन्नर जीते भी समाज के लिए हैं और मरते भी समाज के लिए हैं। कहा कि इस प्रकार की धमकी देने वालों का मजहब बदनाम होता है।
मस्जिदों की छानबीन की मांग की थी
हिमांगी सखी ने कहा था कि 'देश में जितनी भी पुरानी ऐतिहासिक मस्जिद हैं, उनमें आर्केलॉजीकल टीम भेजकर छानबीन की जाए।' जलाभिषेक करने का ऐलान किया था। इसके बाद से उन्हें सोशल मीडिया पर काटने और जान से मारने की धमकी मिलने लगी है। हिमांगी सखी ने कहा कि वे धमकियां मिलने के बावजूद ज्ञानवापी जाएंगी। वह धमकियों से डरने वाली नहीं हैं। ज्ञानवापी जाएंगी और वहां अर्द्धनारीश्वर पर गंगाजल चढ़ाएंगी।
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श्रीकृष्ण जन्मभूमि के बारे में कही यह बात
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में मीडिया से बात करते हुए हिमांगी सखी ने कहा कि वहां पर कहीं न कहीं संस्कृति को छिपाया गया है। श्रीकृष्ण की जन्मस्थली पर मंदिरों का विध्वंश किया गया तथा मस्जिद बना दी गईं। एक प्रकार से भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली को विध्वंश किया गया। उसे मिलजुलकर पुनर्स्थापित किया जाएगा।