PHOTOS: बनारस में विनोद खन्ना, उनकी जिंदगी का एक अनछुआ पहलू
वाराणसी में विनोद खन्ना एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में आए थे। उनके साथ बिताए गए क्षण आज भी यहां के शहरवासियों को याद है। आइए जानते हैं उन्हीं की जुबानी।
वाराणसी। अक्टूबर 2013 को वाराणसी में हुई फिल्म " गन्स आफ बनारस " की शूटिंग के सिलसिले में बनारस आये विनोद खन्ना ने करीब 15 दिनों तक शहर के अलग-अलग हिस्सों में सुबह से शाम तक काम किया था। वाराणसी के कैण्ट थाना, पंचायती अखाड़ा का परिसर और रामनगर के किले में फिल्म के अलग-अलग सीन फिल्माए गए थे। लेकिन जो सबसे खास बात है वो ये थी कि खुशमिजाज और इतने बड़े कलाकार को वाराणसी में शूटिंग के बीच में ही शहर के एक दम्पति से ये जानकारी हासिल हो सकी कि बनारस क्यों खास है? क्यों हैं इतनी पॉजिटिव एनर्जी शंकर के इस काशी में!
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यही नहीं oneindia के बात करने पर यूनिट के मेंबर मनीष खत्री और अंकिता खत्री ने ये भी बताया कि विनोद जी जैसा कलाकार उन्होंने आज तक नहीं देखा। बचपन में जो सुन रखा था कि एक बड़ा कलाकार कितना सहज और सरल होता हैं, ये उनसे मिलने के बाद ही हम जान सके। ऐसे ही कुछ अनसुनी बातें कही इस दम्पति ने।
मनीष
खत्री
और
अंकिता
खत्री
ने
क्या
बताया?
विनोद
खन्ना
जी
से
बात
कर
ये
महसूस
हुआ
की
उन्हें
धर्म
और
आध्यात्म
में
बहुत
रुचि
थी।
विनोद
जी
ने
हमें
बताया
था
कि
जब
से
वो
वाराणसी
में
शूटिंग
के
लिए
आये
हैं,
उन्हें
शिव
की
नगरी
काशी
में
पॉजिटिव
एनर्जी
का
अहसास
हो
रहा
है।
उनका
मूड
हमेशा
लाइट
रहता
था।
यही
नहीं
वो
बहुत
ही
मजाकिया
किस्म
के
शख्स
थे।
दिलखुश
कर
देने
वाले
इंसान
थे।
वो
खुद
सकारात्मक
सोच
से
भरे
हुए
रहते
थे।
हम लोगों ने जो अपने बड़े-बुजुर्गों से सुना था कि वो वृक्ष जितना विशाल और फल से लदा रहता है, वो उतना ही झुका रहता हैं तो ऐसा ही विनोद खन्ना जी का स्वभाव था। उनसे मिलने पर हमने जाना कि वो इतने बड़े कलाकार हैं। उन्होंने हमसे काशी के बारे में कई जानकारियां हासिल कीं। विनोद सर किसी भी सीन के पहले बहुत ज्यादा की डिस्कशन करते थे क्योंकि उन्हें रीटेक करने का मन नहीं करता था और हंसते-हंसते ही सीन को पूरा कर लिया कर लेते थे।
थाने
में
भी
हुई
थी
फिल्म
की
शूटिंग
2013
के
इस
फिल्म
की
शूटिंग
में
एक
सीन
के
लिए
विनोद
खन्ना
को
वाराणसी
के
कैण्ट
थाने
में
जाना
पड़ा
था।
ये
बात
हमसे
उस
समय
के
तत्कालीन
इन्स्पेक्टर
अनिरुद्र
सिंह
ने
बताया।
अनिरुद्र
वास्तव
में
यूपी
पुलिस
में
सेवारत
हैं
और
इन्होंने
टॉलीवुड
और
बॉलीवुड
की
कई
फिल्मो
में
काम
भी
किया
है।
अक्टूबर 2013 में ये इसी थाने में तैनात थे और इस फिल्म में इनका रोल भी था। इसके आलावा कई सिपाहियों ने भी इस फिल्म में अपनी भूमिका निभाई थी। फिल्म " गन्स आफ बनारस " में हीरो करननाथ को पुलिस किसी आरोप में पकड़कर ठाणे लती है और विनोद खन्ना उसे रिहा करने के लिए थाने आते हैं। ये सीन शाम सात बजे शुरू हुआ था और नौ बजे तक इस सीन को पूरा भी कर लिया गया।
सारनाथ
गए
विनोद
खन्ना
oneindia
के
बात
करते
हुए
इन्स्पेक्टर
अनिरुद्र
सिंह
ने
बताया
कि
वाराणसी
के
शूटिंग
बीच
जब
मैंने
उनसे
पूछा
की
आप
बाबा
विश्वनाथ
के
दर्शन
करने
नहीं
गए
तो
कहा
कि
मैंने
ओशो
को
जाना
है
और
शन्ति
वाले
स्थल
ही
मेरी
पसंदीदा
जगह
है।
तब मैंने उनसे कहा कि यहीं बगल में सारनाथ है, चलिए वहीं ले चलूं तो वे झट से तैयार हो गए और उन्होंने भगवान बुद्ध की पांचो शिष्यों को दिए हुए उपदेशस्थली को देखा। हर दीपावली और होली के साथ साथ त्योहारों पर मेरी बातें हुआ करती थी और विनोद सर जबाब भी मुझे वाट्सएप और फेसबुक पर दिया करते थे। परिवार का कोई भी वाराणसी आता था तो गार्जियन की भूमिका निभाने की जिम्मेदारी भी दिया करते थे। फिलहाल अनिरुद्र सिंह अभी इलाहाबाद क्राइम ब्रांच में तैनात हैं और घटना के बाद दुखी हैं।