अमिताभ के इस्तीफे के बाद अटल जी ने इलाहाबाद में दिया था बीजेपी का ये चर्चित नारा
इलाहाबाद। सन् 1984 में बॉलीवुड के मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हालिस की, लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया। अमिताभ बच्चन के इस्तीफा देने के बाद यहां सीट खाली हो गई। इस सीट के लिए उपचुनाव की घोषणा हुई और उपचुनाव में अटल बिहारी बाजपेयी ने निर्दल प्रत्यासी वीपी सिंह के समर्थन में इलाहाबाद में आयोजित चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस जनसभा में अटल जी ने ऐतिहासिक भाषण दिया था और उनका दिया एक नारा भाजपा का मूलमंत्र बन गया।
वीपी
सिंह
ने
दर्ज
कराई
जीत
अमिताभ
बच्चन
का
बोफोर्स
घोटाला
में
नाम
सामने
आने
के
बाद
उन्होंने
अपने
पद
से
इस्तीफा
दे
दिया
था।
जब
उप
चुनाव
की
घोषणा
हुई
तो
इस
सीट
से
कांग्रेस
को
धूल
चटाने
के
लिए
वीपी
सिंह
चुनाव
लड़ने
के
लिए
मैदान
में
उतरे।
इलाहाबाद
क्षेत्र
कांग्रेस
का
गढ़
था
और
इलाहाबाद
के
मजबूत
किले
को
भेद
पाना
तत्कालीन
समय
में
विपक्षी
दलों
के
लिए
लोहे
के
चने
चबाने
जैसा
था।
ऐसे
में
कांग्रेस
को
हराने
के
लिए
विरोधी
दलों
में
गजब
का
कंबीनेशन
बन
रहा
था।
कांग्रेस
ने
इस
सीट
पर
सुनील
शास्त्री
को
अपना
उम्मीदवार
बनाया
और
लगा
कि
कांग्रेस
को
हरा
पाना
मुश्किल
होगा।
लेकिन
इसी
बीच
वीपी
सिंह
के
समर्थन
में
पीडी
टंडन
पार्क
सिविल
लाइंस
में
विशाल
जनसभा
का
आयोजन
हुआ
और
जनसभा
को
संबोधित
करने
के
लिए
अटल
बिहारी
बाजपेयी
को
विशेष
तौर
पर
बुलाया
गया।
इस
जनसभा
में
ही
अटल
बिहारी
बाजपेई
ने
कांग्रेस
मुक्त
भारत
का
नारा
दिया
था
और
कहा
था
कि
कांग्रेस
से
मुक्ति
ही
देश
की
तरक्की
का
आधार
होगी
और
कांग्रेस
को
सत्ता
से
बेदखल
करने
की
शुरुआत
अब
इलाहाबाद
से
होगी।
अटल
जी
ने
कहा
था
कि
देशव्यापी
होगा
असर
पूर्व
बीजेपी
विधायक
प्रभा
शंकर
पाण्डेय
जनसभा
के
बारे
में
जिक्र
करते
हुए
बताते
हैं
कि
अटल
जी
को
सुनने
और
देखने
के
लिए
बहुत
बड़ी
भीड़
इकट्ठा
हुई
थी।
जब
अटल
जी
ने
भाषण
देना
शुरु
किया
तो
लोग
मंत्रमुग्ध
होकर
उन्हें
सुनते
रहे।
इस
दौरान
उन्होंने
कुछ
कविताओं
की
लाइनें
भी
पढ़ी
थी
और
उन्होंने
कहा
था
कि
इलाहाबाद
की
धरती
से
कांग्रेस
को
बेदखल
करने
की
शुरुआत
होगी
और
इसका
देशव्यापी
असर
होगा
और
एक
दिन
वो
भी
आएगा
जब
कांग्रेस
सत्ता
से
बेदखल
हो
जाएगी।
उन्होंने
बताया
कि
अटल
जी
की
जनसभा
के
बाद
बढ़त
बनाए
सुनील
शास्त्री
को
तेजी
के
साथ
झटका
लगा
और
वीपी
सिंह
की
लोकप्रियता
चरम
पर
पहुंच
गई।
इस
जनसभा
के
बाद
ही
वीपी
सिंह
के
जीत
के
दरवाजे
लगभग
खुल
गए
और
जब
रिजल्ट
घोषित
हुआ
तो
आखिरकार
कांग्रेस
यहां
चित
हो
गई
और
बीपी
सिंह
सांसद
चुनकर
संसद
पहुंच
गए।