पता चल गया, शपथग्रहण के दिन मुलायम ने मोदी के कान में ये कहा
मुलायम ने पहले खुद पीएम मोदी से हाथ मिलाया और फिर उनके कान में भी कुछ फुसफुसाया। फिर वो अखिलेश यादव को मंच पर पीएम मोदी के पास लेकर आए।
लखनऊ। यूपी में रविवार को जब योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो हर किसी की जुबान पर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कानों में फुसफुसाने की चर्चा थी। हर कोई जानना चाहता था कि आखिर मुलायम ने पीएम मोदी के कान में क्या कहा? इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी खूब प्रतिक्रियाएं सामने आईं, लेकिन किसी को इसका जवाब नहीं मिल पाया। अब भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने ये राज खोल दिया है कि आखिर मुलायम ने पीएम के कान में क्या कहा।
'थोड़ा अखिलेश का ख्याल रखिए, इनको सिखाइए'
अंग्रेजी अखबार दि टेलेग्राफ में छपी खबर के मुताबिक भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया है कि वह उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास ही खड़े थे और उन्होंने दोनों की पूरी बात सुनी थी। भाजपा के इस वरिष्ठ नेता ने बताया कि शपथ ग्रहण के बाद मुलायम सिंह यादव पीएम नरेंद्र मोदी के पास आए और उन्होंने कान में फुसफुसाकर कहा, 'थोड़ा अखिलेश का ख्याल रखिए, इनको सिखाइए।' इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखिलेश के दाएं कंधे पर थपकी दी। ये भी पढ़ें- यूपी की योगी सरकार का पहला दिन और 10 बड़े कदम
अखिलेश को पीएम के पास लेकर गए मुलायम
आपको बता दें कि शपथ ग्रहण समारोह के बाद समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव अपने बेटे और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ पीएम के पास पहुंचे। मुलायम ने पहले खुद पीएम मोदी से हाथ मिलाया और फिर उनके कान में भी कुछ फुसफुसाया। फिर वो अखिलेश यादव को मंच पर पीएम मोदी के पास लेकर आए। अखिलेश ने पीएम मोदी से हाथ मिलाया। अखिलेश यादव ने दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों बार प्रधानमंत्री नरेंद्र से उन्होंने हाथ मिलाया।
सपा को मिलीं महज 47 सीटें
उत्तर प्रदेश के चुनावी परिणाम ने समाजवादी पार्टी को प्रदेश में ऐसी स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है जिसकी किसी ने भी कल्पना नहीं की थी। प्रदेश में सपा को महज 47 सीटें हासिल हुई और इसे 2012 की तुलना में 177 सीटें का नुकसान उठाना पड़ा। पार्टी के कई बड़े नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा जिसमें कई मंत्री भी शामिल हैं। यूपी में अखिलेश यादव की इस हार के पीछे की सबसे बड़ी वजह उनके परिवार के भीतर कलह और कांग्रेस के साथ गठबंधन को माना जा रहा है।
जनता को नहीं पसंद आया एक्सप्रेस वे!
यूपी चुनाव के नतीजे जिस तरह सामने आए, उसने अखिलेश यादव की उम्मीदों पर पूरी तरह से पानी फेर दिया। अखिलेश यादव के सबसे बड़े प्रोजेक्ट को जनता ने अपना समर्थन नहीं दिया। लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे प्रदेश के 10 जिलों से होकर गुजरता है जिसमें लखनऊ, हरदोई, उन्नाव, कन्नौज, कानपुर, मैनपुरी, इटावा, फिरोजाबाद, आगरा और औरेया शामिल है, इन जिलों की कुल 60 सीटों में सपा को सिर्फ 10 सीटें हासिल हुई जबकि भाजपा को 48 सीटों पर जीत मिली है।