यूपी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने कहा- बिना मूंछ के दाढ़ी रखने वाले मुसलमान होते है कट्टरपंथी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी हमेश अपने बयानों के कारण सुर्खियों में रहते है। एक बार फिर वसीम रिजवी अपने बयानों के कारण चर्चाओं में है। उन्होंने मुस्लिम मौलानाओं पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि मुसलमानों का दाढ़ी रखना सुन्नत है, लेकिन दाढ़ी रख कर मुछें ना रखना सुन्नत नहीं है। दाढ़ी रखकर मूंछ ना रखने से शक्ल डरावनी होती है। बगैर मुछों के दाढ़ी रखने वाले मुसलमान कट्टरपंथी सोच के होते हैं और ऐसे ही कुछ चेहरे आतंक की पहचान बन गए हैं।
उन्होंने इस्लामिक आतंकवाद पर हमला करते हुए कहा कि दुनिया खौफजदा है, बगैर मुछों के दाढ़ी खौफ पैदा करती है। बगैर मूछों के दाढ़ी हो, वो गैर शरई है। कट्टरपंथी मुल्ला शरीयत का सहारा लेकर फतवे दे रहे हैं, लोगों की जाती-ज़िन्दगी में फ़तवे दिया करते हैं, जबकि इससे इस्लाम का कोई लेना देना नहीं है। ऐसे फतवे देने वाले मुल्लाओं के खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए और उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
रिजवी ने कहा कि भारतीय संविधान के कानून से हटकर ये लोग कानून बनाना चाहते हैं। ISIS के झंडे लेकर लोग जिहाद फैलाना चाहते हैं। कट्टरपंथी मुल्ला, मुसलमान कश्मीर में दिखाई दे रहे हैं। कट्टरपंथियों की इस्लामिक हुक़ूमत स्थापित करने की चाह है, जो कि भारत में एक बड़े खून खराबे की ओर इशारा कर रही है। उनका कहना है कि कट्टरपंथी मुल्लाओं पर सख्त कार्रवाई होनी जरूरी है और अब भारत में ऐसे मुल्ला मौलानाओं की नहीं चलेगी।
रिजवी
ने
की
भारतीय
संस्कृति
की
सराहना...
उन्होंने
कहा
कि
बिंदी
लगाना,
मांग
भरना
औरतों
की
सुहाग
की
निशानियां
हैं,
यह
एक
पवित्र
प्रथा
है,
जो
कभी
हराम
नही
हो
सकती
है।
ऐसा
कहते
हुए
वसीम
रिजवी
ने
भारतीय
संस्कृति
की
खूब
सराहना
की।