VIDEO: आलिया ने 'गीता' समझा तो धर्मिक गुरु भूल ही गए 'कुरान'!
'जो लोग इसे मुद्दा बनाकर राजनीति करना चाहते हैं, वो मुस्लिम समाज के लिए एक अलग जगह बनाकर मुस्लिम विद्यालय खुलवाएं। मैं सबसे पहले हिंदुस्तानी हूं।'
मेरठ। मेरठ के सेठ बीके माहेश्वरी इंटर कॉलेज की छात्रा आलिया खान ने उत्तर प्रदेश में गीता पाठ करके दूसरा स्थान प्राप्त किया है। आलिया को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मानित करते हुए एक प्रशस्ति पत्र और पच्चीस हजार रुपए प्रदान किए। आलिया ने गीता के श्लोक का पाठन करते हुए श्री कृष्ण का रूप धारण किया था। मुस्लिम समाज ने आलिया की कृष्ण वेशभूषा और टीके का विरोध किया है। देवबंद के ऑनलाइन फतवा विभाग के इंचार्ज अरशद मुफ्ती ने इसे इस्लाम विरोधी बताया है। तो बढ़ते विरोध के बीच इस संदर्भ में जब आलिया से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो सबसे पहले हिंदुस्तानी हैं।
वहीं कृष्ण की वेशभूषा में गीता के श्लोकों के पाठन पर मुस्लिम धर्म गुरुओं ने विरोध करना शुरू किया है। देवबंद के फतवा विभाग द्वारा इसे इस्लाम के खिलाफ कहा गया है। आलिया ने इस पर अपना मत स्पष्ट करते हुए फिर दोहरा कर कहा कि वो पहले हिंदुस्तानी हैं। गीता पाठ करके उन्होंने अपने धर्म का परित्याग नहीं किया है। जो लोग इसे मुद्दा बनाकर राजनीति करना चाहते हैं, वो मुस्लिम समाज के लिए एक अलग जगह बनाकर मुस्लिम विद्यालय खुलवाएं। साथ ही आलिया ने कहा की मुझ पर फतवा जारी करने से पहले वो शाहरुख खान, सलमान खान, अली जफर और गीता गर्ल मरियम आसिफ सिद्दीकी पर जारी करना चाहिए।
आलिया का कहना है कि गीता धार्मिक किताब नहीं है, कर्म ज्ञान देता है। जैसे हमारे यहां नेकी कर दरिया में डाल। मैंने सिर्फ ज्ञान के लिए इसका पाठ किया है, ज्ञान हम किसी से भी हासिल कर सकते हैं। किसी भी धर्म का ग्रंथ हमें इंसानियत का पाठ पढ़ाता है। जब मैं कोई पाठ करूंगी तो उसके तौर तरीके भी अपनाने पड़ेंगे। वही मैने किया है, रूप धारण करने से मेरा मजहब नहीं बदल जाता। मैं विरोध करने वाले लोगों से कहना चाहती हूं कि मुझे राजनीति में ना घसीटें, पढ़ने दें और अपना ड्रामा बंद करें। आलिया का दावा है कि वो विरोध करने वालों को मुंहतोड़ जबाव देंगी।
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