वाराणसी हादसा: लाशों के ढेर में अपनों को तलाश रहे लोग, पोस्टमॉर्टम हाउस में मांगे जा रहे रुपए
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में निर्माणाधीन ओवरब्रिज गिरने से 19 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग इस हादसे में घायल हो गए हैं। वहीं, इस बीच मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पोस्टमॉर्टम के बदले उनसे 200 रुपए मांगे जा रहे हैं। परिजनों की शिकायत के बाद स्वीपर बनारसी को जिलाधिकारी ने निलम्बित कर दिया है।
हादसे के बाद कबीर चौरा अस्पताल में लोग अपने परिजनों को तलाश करते रहे। लोगों की मानें तो अस्पताल में उन्हें कोई सही जानकारी देने वाला नहीं मिला। इस दौरान अपनो को ढूंढते हुए हैरान और परेशान दिखे परिजन। बता दें कि चंदन की मां शांति देवी बनारस के डीआरएम के बंगले में काम करती थी। चंदन के अनुसार छुट्टी होने के कई घंटे बाद भी मां शांति देवी अपने घर नहीं पहुंची, तो उनकी बेटी चंदन अपने चचेरे भाई के साथ उनको ढूंढने निकल पड़ी। सबसे पहले चंदन और उसका चचेरा भाई हादसे की जगह पहुंचे, लेकिन वहां भी शांति देवी का कोई पता नहीं चला। इसके बाद यह दोनों भाई-बहन कबीरचौरा अस्पताल पहुंचे और यहां पर अपनी मां शांति देवी की तलाश की लेकिन यहां भी शांति देवी का कोई अता-पता नहीं था।
हादसे के तकरीबन 5 घंटे बीत जाने के बाद भी उनका पता नहीं चल पा रहा था। वहीं, पीलीकोठी के रहने वाले दो भाई अपनी छोटी बहन नूरजहां को तलाशते हुए कैंट स्थित स्पॉट पर पहुंचे थे। उनका कहना था कि बहन किसी काम से लहरतारा गई थी और न ही लहरतारा पर उनके रिश्तेदार के यहां पहुंची और न ही अब तक घर आई है। इसलिए उसकी तलाश कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पोस्टमॉर्टम के बदले परिजनों से 200 रुपए मांगे जा रहे हैं। परिजनों का आरोप है कि पोस्टमॉर्टम के लिए अधिकारी घूस मांग रहे हैं। मामला मीडिया में आने के बाद जिलाधिकारी ने आरोपी स्वीपर को निलम्बित कर दिया है।