वरुण गांधी को सताया चुनाव का डर, तो गिले-शिकवे मिटाकर लिखा सीएम योगी को पत्र
सुल्तानपुर। बीजेपी नेता एवं सांसद वरुण गांधी पार्टी नेतृत्व संग बड़े नेताओं से असंतुष्ट हैं। हाल के कुछ महीनों में उन्होंने मंच से पार्टी नेताओं को इशारों ही इशारों में बहुत कुछ कहा भी। जिनमें सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम भी शामिल है। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव का डर जब उन्हें सताया तो उन्होंने सारे गिले शिकवे मिटाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में वरुण गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र में संचालित इकलौती किसान सहकारी चीनी मिल की दुर्दशा पर चिंता जताई और मदद की अपील की है। बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव के पहले सीएम कैंडिडेट के लिए वरुण गांधी का नाम काफी जोरों पर था लेकिन एकाएक जब पार्टी ने वरुण गांधी से किनारा कर लिया तभी से वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और यूपी सीएम पर हमलावर रहे हैं।
11
महीने
से
वेतन
न
पाने
के
कारण
भुखमरी
की
कगार
पर
हैं
चीनी
मिल
कर्मचारी
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
को
लिखे
पत्र
में
वरुण
गांधी
ने
लिखा
है
कि
मेरे
संसदीय
क्षेत्र
सुल्तानपुर
में
इकलौती
किसान
सहकारी
चीनी
मिल
है,
जिसकी
हालत
ठीक
नहीं
है।
उन्होंने
चीनी
मिल
की
दशा
सुधारने
और
उसे
घाटे
से
उबारने
के
लिए
मुख्यमंत्री
को
पत्र
लिखकर
मदद
की
अपील
की
है।
वरुण
गांधी
ने
इस
बात
का
भी
जिक्र
किया
है
कि
करीब
11
महीने
से
वेतन
न
पाने
के
कारण
यहां
का
कर्मचारी
भुखमरी
की
कगार
पर
है,
ऐसे
में
कर्मचारियों
के
बकाए
वेतन
को
दिये
जाने
की
भी
उन्होंने
मुख्यमंत्री
से
मांग
किया
है।
साथ
ही
उन्होंने
पत्र
में
लिखा
कि
गन्ना
किसानों
के
लिए
यह
महत्वपूर्ण
चीनी
मिल
है।
गन्ना
किसानों
के
व्यापक
हित
को
देखते
हुए
इसकी
पेराई
क्षमता
में
वृद्धि
की
जाए
और
चीनी
मिल
के
जर्जर
हो
चुके
संयन्त्रों
को
बदल
दिया
जाए।
चर्चा
का
केंद्र
बना
राजनैतिक
गलियारों
में
वरुण
गांधी
का
पत्र
गौरतलब
हो
कि
वरुण
गांधी
द्वारा
मुख्यमंत्री
के
नाम
लिखा
गया।
पत्र
इसलिए
भी
राजनैतिक
गलियारों
में
चर्चा
का
केंद्र
बना
है
कि
हाल
के
कुछ
महीनों
में
उन्होंने
मुख्यमंत्री
समेत
बीजेपी
के
कई
बड़े
नेताओं
के
विरुद्ध
इशारों-इशारों
में
शब्द
बाण
चलाए
थे।
अब
जब
चुनाव
सर
पर
आया
तो
वो
उन्हीं
नेताओं
से
विकास
के
नाम
पर
पत्राचार
कर
क्षेत्र
में
अपनी
छवि
बेहतर
बनाना
चाहते
हैं।
सनद
रहे
कि
जिस
चीनी
मिल
के
उद्धार
के
लिए
वरुण
गांधी
ने
पत्र
लिखा
है
वो
पिछले
कई
वर्षों
से
करोड़ों
के
घाटे
में
ही
चल
रही
है।
बड़ा
सवाल
ये
है
के
अब
तक
उन्होंने
उसकी
ओर
ध्यान
क्यों
नही
दिया?
चुनाव
से
ठीक
पहले
उनके
द्वारा
मुख्यमंत्री
को
पत्र
लिखना
इस
बात
का
प्रमाण
है
के
ये
चुनावी
अवसर
पर
फायदा
लेने
के
लिए
लिखा
गया
पत्र
है,
जिससे
और
कोई
खास
फायदा
होने
वाला
नहीं
है।
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