वाराणसी फ्लाईओवर हादसा: CM को सौंपी गई रिपोर्ट, सेतु निगम को बताया घटना का दोषी
वाराणसी। बीते 15 मई को शहर के व्यस्तम इलाके कैण्ट रेलवे स्टेशन के नजदीक हुए निर्माणाधीन फ्लाईओवर हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई वहीं करीब 11 लोग गम्भीर रूप से घायल हुए हैं जिनका इलाज शिव प्रसाद गुप्त मण्डलीय चिकित्सालय और बीयचयू के ट्रामा सेंटर में अभी भी चल रहा है। इस खौफनाक मंजर के बाद तत्काल डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के घटना स्थल पर निरीक्षण किया तो सम्बन्धित 5 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित भी किया गया। यही नहीं खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने देर रात फ्लाईओवर के हादसे के स्थान पर पहुँचे तो अस्पताल जाकर घायलों के इलाज की जानकारी हासिल की। जिसके बाद मृतक को 5 -5 लाख और घायलों को 2 -2 लाख के मुआवजे के ऐलान भी किया गया। इस घटना पर कठोर रुख अख्तियार करते हुए सीएम ने उच्चस्तरीय कमेटी जा गठन कर 48 घण्टों के अंदर जांच प्रक्रिया पूरी कर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा। इस टीम के राज्य कृषि आयुक्त राज प्रताप सिंह ने फ्लाईओवर हादसे की रिपोर्ट सीएम योगी को सौंप दी है। यही मीडिया से बात करते हुए जांच दल के राज प्रताप सिंह ने कहा कि इस घटना का दोषी सेतु निगम और उससे सम्बन्धित अधिकारी है।
ट्रैफिक व्यवस्था पर भी उठाए सवाल
मीडिया से बात करते हुए कृषि आयुक्त ने कहा कि फ्लाई ओवर हादसे से सम्बंधित सभी आख्या सीएम महोदय को रिपोर्ट के माध्यम से सौपीं गई है। इसके लिए बाकायदा घटना स्थल से सैम्पल जुटाए गए और सभी से पूछताछ की गई। हमारी जांच में ये बाते सामने आई कि हादसे में सेतु निगम के अधिकारियों ने अनियमितता बरती है और वो ही दोषी है। सौपीं गई रिपोर्ट में सभी दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम है। जिनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की आख्या सीएम साहब को सुपुर्द कर दी गई है। स्लैब हादसे पर ट्रैफिक व्यवस्था से जुड़े सवाल किए जाने पर कृषि आयुक्त राजप्रताप ने कहा कि सौपी गए रिपोर्ट में ट्रैफिक व्यवस्था पर भी सवाल उठा है। प्रदेश में कई स्थानों पर विकास कार्य चल रहे है। ऐसे में इस सम्बंध में भी आख्या दी गयी है कि ऐसे स्थानों पर ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रूप से मैनेज किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो।
क्राइम
ब्रान्च
ने
सेतु
निगम
के
अधिकारियों
से
की
पूछताछ
इस
ह्रदय
विदारक
घटना
के
बाद
प्रदेश
सरकार
ने
कठोर
कदम
उठाए
हुए
राजन
मित्तल
को
सेतु
निगम
के
प्रबंध
निदेशक
पद
से
तत्काल
कार्यमुक्त
किए
जाने
के
आदेश
जारी
कर
दिया
था
और
जे
के
श्रीवास्तव
को
उत्तर
प्रदेश
राज्य
सेतु
निगम
का
प्रबंध
निदेशक
बनाया
गया।
इस
घटना
में
राज्य
सरकार
के
साथ
साथ
डीएम
बनारस
योगेश्वर
राम
मिश्र
ने
मजिस्ट्रेट
जांच
के
आदेश
दिए
हैं।
तो
वहीं
सेतु
निगम
के
खिलाफ
सिगरा
थाने
में
विभाग
के
खिलाफ
एफआईआर
दर्ज
कराया
गया।
इस
घटना
की
जांच
करते
हुए
क्राइम
ब्रान्च
के
एसपी
ज्ञानेंद्र
नाथ
प्रसाद
अपनी
टीम
के
साथ
सेतु
निगम
के
ऑफिस
पहुँचे
और
उन्होंने
निलम्बित
राजन
मित्तल
और
निर्माण
से
जुड़े
सभी
अधिकारियों
से
पूछताछ
करने
के
साथ
ही
जांच
में
सहयोग
मांगा।
मीडिया
से
बात
करते
हुए
क्राइम
ब्रान्च
के
एसपी
ज्ञानेंद्र
नाथ
ने
कहा
कि
सभी
दस्तावेज
सील
कर
दिए
गए
है।
और
48
घण्टो
के
भीतर
सम्बन्धित
अधिकारियों
से
आख्या
मांगी
गई
है।