खाली कराया गया BHU हॉस्टल, छात्र बोले- नक्सलियों जैसा व्यवहार कर रही पुलिस
वाराणसी। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में मरीज के तीमारदार और डॉक्टरों की हाथापाई के बाद यहां के छात्रों ने कैम्पस में जमकर उत्पात मचाया था। इस अराजकता को कंट्रोल करने के लिए जहाँ पुलिस ने इस उपद्रवियों पर लाठियां भांजी थी वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने परिसर के 7 हॉस्टल को 24 घण्टे में खाली करने का आदेश यहां के छात्रों को सुनाया गया था। जिसके बाद आज करीब 2 घण्टे चले सर्च ऑपरेशन में वाराणसी के साथ ही गाजीपुर, चन्दौली और मिर्जापुर से फोर्स को बुलाया गया। वहीं स्पेशल कमांडो दस्ता और पीएसी की कई बटालियन यहां मुस्तैद दिखी। यही नहीं बनारस के जिलाधिकारी और एसएसपी पूरी फोर्स को लीड भी कर रहे थे।
ऐसे में कैम्पस के वातावरण को ठीक करने के नाम पर हॉस्टलों को खाली कराने के आदेश पर लाल बहादुर शास्त्री के दिव्यांग छात्र और बिड़ला -सी के छात्रों ने पुलिसिया कर्रवाई पर आपत्ति जताई। दिव्यांग छात्र अभय ने कहा कि 2014 के बाद से जब भी कैम्पस में ऐसे झगड़े होते हैं तो हॉस्टल को खाली करने का आदेश मिल जाता है। जिससे हमारी शिक्षा पर असर पड़ता है वहीं इतनी भारी संख्या में फोर्स के साथ हॉस्टलों को खाली कराया जाता है जिससे लगता है कि जैसे हम कोई नक्सली या आतंकी या किसी ग्रुप के मेम्बर हो। वहीं इस मामले पर डीएम ने कहा कि उपद्रवी छात्रों के खिलाफ कर्रवाई के लिए सीसीटीवी की मदद ली जा रही है और आरोपियों पर कठोर करवाई होगी जबकि एसएसपी ने बताया कि 10 से 15 दिनों तक परिसर में बने रहे विवाद के अलग अलग मामलों को लेकर अब तब 3 एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। ऐसे लोग जो कैम्पस में छात्रों को भड़काने और माहौल खराब करने की कोशिश में लगे है उन्हें चिन्हित कर करवाई जल्द की जाएगी।
क्या
विश्वविद्यालय
प्रशासन
को
नहीं
मालूम
कि
हॉस्टलों
पर
बाहरियों
का
है
कब्जा
कुलसचिव
के
आदेश
के
बाद
काशी
हिंदू
विश्वविद्यालय
के
रुइया
हॉस्टल,
बिड़ला,
धन्वन्तरि,
लालबहादुर
शास्त्री,
रुइया
एनेक्सी,
मेडिकल
ब्लाक
सहित
कुछ
और
हॉस्टलों
को
दल
बल
के
साथ
खाली
कराने
और
सील
की
प्रक्रिया
को
अंजाम
देने
के
बाद
एक
तरफ
जहां
एसएसपी
आनंद
कुलकर्णी
ने
उपद्रवियों
पर
करवाई
और
उनके
चिन्हित
होने
के
बाद
बताई
तो
वही
डीएम
सुरेंद्र
सिंह
ने
कहा
कि
अस्पताल
परिसर
में
चन्दौली
के
मरीज
के
साथ
आये
तीमारदार
और
रेजीडेंस
डॉक्टरों
के
मारपीट
के
बाद
सुरेंद्र
सिंह
ने
कहा
कि
आक्रोशित
छात्रों
को
शांत
करने
की
उनकी
कल
रात
से
चल
रही
थी।
वार्ता
में
हॉस्टलों
के
छात्रों
ने
जहां
विवाद
में
शामिल
तीमारदार
के
इलाहाबाद
यूनिवर्सिटी
के
छात्र
होने
की
बात
बताई
है
वहीं
उन्हें
ये
भी
बताया
कि
बिड़ला,रुइया
सहित
कई
हॉस्टलों
ने
बाहरी
व्यक्तियों
के
होने
की
बात
बताई
है
तो
क्या
विश्वविद्यालय
प्रशासन
को
नही
मालूम
था
कि
बाहरी
लोग
भी
कैम्पस
के
हॉस्टल
में
आते
जाते
और
रहते
है
या
फिर
जानकर
भी
अंजान
बना
हुआ
है।