पुलिस छापेमारी में मिला अजीबोगरीब जानवर, शक्तिवर्धक दवाएं बनाने को ले जा रहे थे विदेश
वाराणसी। कछुआ और सांप की तस्करी तो आम बात हो गई है। अब तस्करों इन सब से एक कदम आगे बढ़कर अजीबो-गरीब जीवों की तस्करी शुरू कर दी है। जिले के सिगरा पुलिस और वन विभाग की टीम के ज्वाइंट ऑपरेशन कर 10 तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की माने तो छापेमारी में अति दुर्लभ प्रजाति का जानवर पैंगोलिन बरामद किया गया है। इस जानवर की चीन, दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग, मलेशिया और सिंगापुर जैसे द्वीप देशों में बहुत डिमांड है। STF के एसएसपी के मुताबिक पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि इनका सिंडिकेट इस तरीके के दुर्लभ जानवरों की अवैध रूप से तस्करी करता है। इस पैंगोलिन को सोनभद्र के पन्नू गंज से पकड़ा गया था।
इंटरपोल की सूचना पर पकड़ी गई पैंगोलिन की तस्करी
एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि नई दिल्ली स्थित केंद्रीय अपराध ब्यूरो की रिपोर्ट थी कि उत्तर प्रदेश के कई जनपदों से पैंगोलिन और अन्य दुर्लभ प्रजाति के जीवों की तस्करी दीप देशों में अच्छी रकम के लालच में की जा रही है। इस सूचना पर आज वाराणसी के एक होटल में छापेमारी की गई तो पता चला कि कुछ लोग सोनभद्र के पैंगोलिन लेकर आए हैं और उसे बेचने के फिराक में है।
शक्तिवर्धक दवाएं बनाने के काम आता है पैंगोलिन
इस जानकारी पर एसटीएस के एसपी एस आनंद की टीम ने होटल के कमरे में बोरे में भर कर छिपाया गया पैंगोलिन और 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए लोग उत्तर प्रदेश, बिहार के है जिसने कुछ लोग वाराणसी, सोनभद्र और बिहार के अलग-अलग जिलों से है। बता दें कि ये जानवर मेडिकल के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है और विदेशों में इसकी काफी डिमांड है। इस जानवर से शक्ति वर्धक दवाएं, कैंसर की दवाएं और जैकेट बनाने का काम किया जाता है। यही नहीं पैंगोलिन के मांस की भी इन देशों में अधिक मांग रहती है।
जानें, क्या है पैंगोलिन
पैंगोलिन ज्यादा तर Decidocs Forest इलाकों मर पाए जाने वाला स्तनधारी जीव है। भारत में करीब 14 राज्यों के घने जंगलों में पाए जाने वाला करीब 4 फिट लम्बा ये बेहद शर्मिला जीव होता है। इंडिया में इसकी दो प्रजातियां पाई जाती है। इसका भोजन चींटियां और दीमक होती हैं। पूर्वोत्तर भारत मे चाइनीज पैंगोलिन और बाकी राज्यों में इण्डियन पैंगोलिन। इसका शिकार मुख्य रूप से शरीर के उभरे हुए स्केल के लिए किया जाता है। द्वीप देशों में रहने वाले इसके मांस के शौकीन होते हैं। इसकी बरामदगी इसी संख्या में होती है। इसके पहले 20 जनवरी 2018 को एक पैगोलिन मध्य प्रदेश के बाला घाट से बरामद किया गया है। जिसमे एमपी के तस्करों की भूमिका थी।
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