Year Ender: जाते-जाते 2019 यूपी को रुला गया, सालभर इन विवादों की वजह से चर्चा में रहा प्रदेश
लखनऊ। साल 2019 खत्म होने को है और नया साल 2020 आने को है, जिसकी तैयारी जोर-शोर से की जा रही है। राजनीति से लेकर अपराध के कई मुद्दे इस साल खूब उछाले गए। वहीं राजनीति का केंद्र माने जाने वाला उत्तर प्रदेश में भी इस साल कई विवाद सामने आए। साल के कई बड़े विवाद सामने आए, जिससे उत्तर प्रदेश चर्चा का विषय बना रहा है। उन्हीं विवादों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान साक्षी महाराज का लेटर विवाद
टिकट कटने से बचाने की जुगत में लगे रहे साक्षी महाराज ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे को पत्र लिखा और टिकट की मांग की। पत्र में उन्होंने अपने जातीय समीकरण के बारे में बताया और लिखा कि उन्हें छोड़कर क्षेत्र में कोई भी पार्टी का ओबीसी प्रतिनिधित्व नहीं करता है और पार्टी पर ओबीसी की उपेक्षा का भी आरोप लगता है। सांसद ने इशारों में कहा था कि उन्हें टिकट नहीं दिया तो पार्टी पर ओबीसी की उपेक्षा का जो आरोप लगता है वह सही साबित होगा। उन्होंने लिका कि उनके अलावा ओबीसी का कोई प्रतिनिधित्व जनपद में है ही नहीं।
चिन्मयानंद पर नाबालिग से दुष्कर्म का विवाद
पूर्व गृह राज्य मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर एक कानून की छात्रा ने रेप का आरोप लगाया। इसके बाद प्रदेश में बीजेपी की साख पर सवालिया निशान उठने लगे। वहीं चिन्मयानंद के खिलाफ हो रही कार्रवाई पर भी पक्षपात का आरोप लगाया गया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि योगी सरकार चिन्मयानंद को बचाने की कोशिश कर रही है। विपक्ष ने इस मुद्दे को प्रदेश में जमकर उछाला। कांग्रेस पार्टी की नेता प्रियंका गाधी ने जमीन के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी चिन्मयानंद के मुद्दे को लेकर काफी आगे रहीं।
सीएए पर विरोध
सिटिजनशिप अमेंडेंट बिल को लेकर पूरे देश में जमकर प्रदर्शन हुआ। लेकिन सबसे ज्यादा असर उत्तर प्रदेश में देखने को मिला। एक तरफ जहां प्रदेश के डीजीपी कड़ी सुरक्षा की बात करते रहे। वहीं दूसरी तरफ प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जमकर हंगामा किया। मुख्य तौर पर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, बिजनौर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हापुड़, मऊ, वाराणसी समेत कई जिलों में प्रदर्शनकारियों ने आगजनी और तोड़फोड़ की। वहीं प्रदेश की पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगे। पुलिस पर गोली चलाने का आरोप लगाया गया। इस प्रदर्शन में करीब 11 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से कईयों की गोली लगने से मौत हुई है।
लगातार प्रदेश में बढ़ते रेप के मामले
एक तरफ जहां सूबे की सराकर लड़कियों व महिलाओं की सुरक्षा को लेकर तमाम दावे करती रही तो वहीं दूसरी तरफ अपराधी दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध को अंजाम देते रहे। उन्नाव, कानपुर व कई जिले से रेप के ऐसे मामले सामने आए, जिससे प्रदेश की सरकार के साथ-साथ कानून व्यवस्था कटघरे में खड़ी नजर आई। हाल ही में उन्नाव में दुष्कर्म पीड़िता को जिंदा जलाने का मामला सामने आया तो वहीं न्याय न मिलने पर रेप पीड़िताओं द्वारा सुसाइड करने का भी मामला सामने आया । इसके अलावा हाई प्रोफाइल केस पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर पर भी रेप का आरोप लगा और कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाया। इस मामले में पीड़िता पर हमले के साथ-साथ उसके परिजनों पर जानलेवा हमले हुए।