1995 में जलेबी में सिंथेटिक रंग डालकर बेचता गया था हलवाई, कोर्ट ने अब सुनाई सजा
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के एक हलवाई को 1995 के मामले में कोर्ट ने सजा दी है, कोर्ट ने आरोपी पर तीन हजार का जुर्माना लगाया है और एक साल की जेल की सजा दी है। 1995 में ये हलवाई के खिलाफ जलेबी में सेहत को नुकसान करने वाला रंग डालकर बनाते हुए खाद्य विभाग के अधिकारी ने पकड़ा था। रंग डालकर जलेबी बनाने के मामले में एक दुकानदार को करीब 22 साल बाद कोर्ट ने सजा सुनाई है।
रिपोर्ट में सामने आई थी जलेबी में सिंथेटिक रंग डालने की बात
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में तत्कालीन जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमर सिंह वर्मा को जानकारी मिली थी कि शहर में सिंथेटिक जलेबी बेची जा रही है। जानकारी पर 26, दिसंबर 1995 को मोहम्मदी क्षेत्र में राम गोपाल की दुकान से जलेबी के नमूने लेकर गए और इसे जांच के लिए भेजा। इसे लखनऊ की लैब में जांच के लिए भेजा गया। रिपोर्ट में जलेबी में सिंथेटिक रंग मिलाने की जानकारी सामने आई थी।
रिपोर्ट आने के बाद दुकानदार पर मुकदमा
जलेबी के नमूने में मिलावट की बात सामने आने के बाद इस पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने न्यायिक मैजिस्ट्रेट कोर्ट में आरोपी दुकानदार के खिलाफ मामला दायर किया। ये मामला तब से चल रहा था। बुधवार को कोर्ट में दुकानदार जलेबी में सिंथेटिक रंग मिलाने का दोषी पाया गया। इस दौरान मैजिस्टेट ने दुकानदार पर तीन हजार रुपए का जुर्माना लगाया और एक साल की जेल की सजा सुनाई। जुर्माना ना देने पर दुकानदार की सजा बढ़ जाएगी।
कोर्ट ने दिए गिरफ्तारी के आदेश
कोर्ट ने दुकानदार को दोषी करार देने के बाद सजा सुनाई। कोर्ट ने इसके बाद पुलिस को आदेश दिया कि दोषी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। पुलिस ने कहा है कि फैसले की कॉपी मिलते ही दोषी दुकानदार को गिरफ्तार किया जाएगा। बताया जा रहा है कि जिस सिंथेटिक रंग को वो जलेबी में मिलाता था, वह स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है। मामले को लेकर क्षेत्र में चर्चा है।