यूपी: दरगाह में जंजीरों से बंधे रहते हैं मानसिक बीमार लोग, SC ने जताई नाराजगी
बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं में मानसिक रूप से बीमार लोगों के साथ अमानवीयता का मामला सामने आया है। छोटे-बड़े सरकार की दरगाह पर मानसिक रूप से बीमार लोगों को इलाज के नाम पर जंजीर में बांधे जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को जंजीर से बांधकर नहीं रखा जा सकता है, ये उनके अधिकारों और सम्मान के खिलाफ है। कोर्ट ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने जवाब तलब किया है।
कोर्ट का कहना है कि अगर वो हिंसक भी हैं, तो उन्हें अलग और अकेले रखा जा सकता है, लेकिन चेन में बांधना समाधान नही। वहीं, मामला सामने आने के बाद दरगाह के पीर का कहना है कि रुहानी ताकतों से जकड़े इंसानों का इलाज इसी तरीके से संभव है। पूरी तरह से मानसिक स्वस्थ्य होने के लिए मरीज को 40 दिन यहां रहना पड़ता है। इसके बाद लोग ठीक हो जाते हैं। बड़े सरकार की दरगाह के पीर सूफी जाहिद हसन बताते हैं कि इन लोगों पर रुहानी हवाओं का असर होता है। जब से सृष्टि बनी है, तभी ऐसे मामले सामने आते रहे हैं। आगे भी हमेशा चलता रहेगा। कोई इस बात को मानता है, कोई नहीं मानता है। मेरा इलाज भी इसी पद्धति से हुआ था। परिजन मुझे यहां लाकर छोड़ गए थे।
आपको बता दें कि इसके खिलाफ साउथ दिल्ली के रहने वाले एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इस याचिका में समाज के वंचित और शोषित समाज के लोगों के मूल अधिकारों, राजनीतिक अधिकारों और नागरिक अधिकारों के संरक्षण की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ऐडवोकेट गौरव कुमार बंसल का मानना है, 'लोगों को इस तरह बंधक बनाया जाना और उन्हें चेन से बांधा जाना दर्शाता है कि देश में जरूरतमंद लोगों की मानसिक बीमारी का इलाज किए जाने में भारी समस्या है।'
कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए सात जनवरी यानि सोमवार का दिन तय किया है। सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में ये भी कहा गया है कि राज्य मेंटल हेल्थ केयर एक्ट पर अमल नहीं करते हैं। इस पर भी कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।