Global Investor Summit क़ो लेकर बढ़ेंगी UP सरकार की मुश्किलें, जानिए क्या है इसकी वजहें
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार 10 से 12 फरवरी, 2023 तक लखनऊ में Global Investor Summit (UPGIS-2023) आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसको लेकर सरकार ने अपनी तैयारियां शुरू भी कर दी हैं। इसी सप्ताह इस कार्यक्रम को लेकर दिल्ली में एक कर्टन रेजर कार्यक्रम के तहत इसकी औपचारिक शुरूआत की घोषणा की गई थी। यूपी की सरकार वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं। यूपी की तरह ही अब अन्य राज्यों ने भी इसी तरह की समिट कर निवेशकों को लुभाने की कवायद शुरू कर दी है। जानकारों की माने तो अन्य राज्यों में इसी तरह का आयोजन होने से उद्योगपतियों को अपने अनुकूल नीतियों का चयन करने में मदद मिलेगी और एक तरह की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा शुरू होगी।

अन्य प्रदेशों में भी हो रहा यूपी की तरह आयोजन
अधिकारियों ने बताया कि यूपी में हो रही ग्लोबल इनवेस्टर समिट ने अन्य प्रदेशों का भी ध्यान खींचा है। इसको लेकर कई राज्यों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर मध्य प्रदेश जनवरी 2023 में इंदौर में इसी तरह के आयोजन होने वाला है जबकि पंजाब ने फरवरी 2023 में एक शिखर सम्मेलन का प्रस्ताव रखा है। आंध्र प्रदेश मार्च में 2023 में इस तरह के आयोजन का खांका खींच रहा है। इसके अलावा, कर्नाटक और राजस्थान ने हाल के सप्ताहों में इसी तरह के आयोजन किए हैं। इसके बाद यूपी का काम और चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
उद्योग जगत की समस्याएं तेजी से हल करें
यूपी के एक पूर्व आईएएस अधिकारी एस के सिंह ने कहा,
'' लगभग हर राज्य निवेश को आकर्षित करने के लिए इन्वेस्टर्स समिट जैसे अपने स्वयं के कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा यूपी के कार्य को और चुनौतीपूर्ण बनाएगी। मंदी के करीब आने की खबरें कार्य को और कठिन बना देंगी। राज्य सरकार ने यूपीजीआईएस-2023 से पहले ही अपनी नीतियों पर काम कर लिया है और उद्योग की समस्याओं को तेजी से हल करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिचालन इकाइयां राज्य में और अधिक निवेश लाने के लिए यूपी की ब्रांड एंबेसडर बने।"
पांच वर्षों में आया तीन लाख करोड़ रुपये का प्रस्ताव
दावों के अनुसार, फरवरी 2018 में लखनऊ में आयोजित उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट में 4.68 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित हुआ था और पिछले पांच वर्षों में 3 लाख करोड़ रुपये के प्रस्तावों को लागू किया गया है। यूपीजीआईएस-2023 में राज्य सरकार 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त करने में सक्षम होगी या नहीं, इस पर यूपी सरकार के अधिकारी या तो टिप्पणी के लिए पहुंच से बाहर रहे या उन्होंने कहा कि कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है।
20 देशों के 26 शहरों में होगा रोड शो
इस अभियान से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि यू.पी. सरकार ने नीतियों पर काम किया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सप्ताह की शुरुआत में नई दिल्ली में UPGIS-2023 के लिए एक कर्टेन रेज़र लॉन्च किया। राज्य सरकार का भारत के सात प्रमुख शहरों और दुनिया भर के 20 देशों के लगभग 26 शहरों में रोड शो आयोजित करने का प्रस्ताव है। तो, यू.पी. सरकार को किसी प्रतिस्पर्धा का सामना नहीं करना पड़ता है।
राज्यों के बीच शुरू होगी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा
लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एस के द्विवेदी ने कहा कि,
"हां, कई राज्य वैश्विक और घरेलू निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बड़े आयोजन कर रहे हैं। यह दो मायने में अच्छा है। सबसे पहले, यह दर्शाता है कि राज्यों ने निवेश और विकास को उच्च स्तर पर ले जाने की आवश्यकता महसूस की है। इसके परिणामस्वरूप अंततः रोजगार पैदा होता है और लोगों के जीवन स्तर में सुधार होता है। दूसरे, राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा उन्हें निवेशकों, व्यापारियों और उद्यमियों के अनुकूल नीतियों को अपनाने और लागू करने के लिए मजबूर करेगी।"