ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अब बंद कमरे में दिखाना होगा ड्राइविंग स्किल
नई दिल्ली। अगर आप दोपहिया या चार पहिया वाहन का ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद खास है। उत्तर प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अब आपको सिम्युलेटर टेस्ट के होकर गुजरना होगा। परिवहन विभाग ने इसके लिए हर आरटीओ में सिम्युलेटर कमरें बनवाए हैं। सभी कमरे वातानुकुलित है। आइए आपको इस खास ड्राइविंग टेस्ट के बारे में बताते हैं।
सिम्युलेटर के लिए 12 करोड़ का खर्च
उत्तर प्रदेश में दो पहिया और चार पहिया वाहनों के लाइसेंस लेने के लिए अब आपको खुले मैदान में कार चलाकर ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना होगा, बल्कि आपक एक बंद कमरे में अपनी ड्राइविंग स्किल दिखानी होगी। सरकार ने इसके लिए 12 करोड़ रुपए खर्च कर सिम्युलेटर कमरे बनवाए हैं।
क्या है सिम्युलेटर
सिम्युलेटर एक कंप्यूटर बेस्ड प्रोग्राम है। इस प्रोग्राम को CSIR-CRRI,CSIO, नेशनल एयरो स्पेस और Faros ने मिलकर तैयार किया है। इसमें आपको कमरे के भीतर अपनी ड्राइविंग स्किल दिखाना होता है। इस तकनीक की वजह से ड्राइविंग के दौरान आने वाली स्थितियों पर चालक के रिस्पॉन्स की भी जांच की जाती है। यहां ड्राइविंग टेस्ट के दौरान कई कोई जानवर तो कई आदमी कभी दिन तो कभी रात जैसी परिस्थ्तियां बनाई जाती है, जिसमें टेस्ट देने वाले चालक को सीमित समय में आपको परीक्षा पास करनी है। आपको गाड़ी चलाकर अपनी स्किल दिखानी होती है। मार्च तक यूपी सरकार को ये सिम्युलेटर मिल जाएंगे, जिसके बाद इन्हें इंस्टॉल करवाया जाएगा।
सड़क सुरक्षा के लिए अहम कदम
जानकारों की माने तो जुगाड़ से मिलने वाले ड्राइविंग लाइसेंस की वजह से सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में चौपहिया और दुपहिया वाहनों के स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस की ऑनलाइन औ सिम्युलेटर टेस्ट अनिवार्य होने के बाद आवेदकों को अपनी ड्राइविंग स्किल दिखानी होगी। ऐसे में जुगाड़ से बनने वाले लाइसेंस बंद हो जाएंगे और सड़क हादसों में कमी आइगी।