UPSC Result 2017: किसान के बेटे ने लगातार दो बार क्रैक किया IAS का एग्जाम, इस बार आठवीं रैंक के साथ बने टॉपर
अगर किसी में प्रतिभा है तो कोई कठिनाई उनकी सफलता का रास्ता रोक नहीं सकती है और यही साबित कर दिखाया है इलाहाबाद के एक छोटे से गांव के रहने वाले अनुभव सिंह ने।
इलाहाबाद। शहर में सुख सुविधाओं से पले बच्चे हो या गांव की दहलीज से निकलने वाले होनहार। अगर उनमें प्रतिभा है तो कोई कठिनाई उनकी सफलता का रास्ता रोक नहीं सकती है और यही साबित कर दिखाया है इलाहाबाद के एक छोटे से गांव के रहने वाले अनुभव सिंह ने। अनुभव ने इस बार आईएएस की परीक्षा में फिर से अपना परचम लहरा दिया है। इतना ही नहीं, अनुभव ने IAS की परीक्षा को लगातार दूसरी बार क्रैक किया है और इस बार उन्होंने 8वीं रैंक के साथ टॉपर बनने का गौरव भी हासिल किया है। मौजूदा समय में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में कार्यरत अनुभव सिंह छुट्टी लेकर परीक्षा की तैयारी कर रहे थे और अपनी मेहनत के दम पर अब टॉपर बन कर उभरे हैं।
अनुभव
का
बैकग्राउंड
अनुभव
सिंह
के
परदादा
इलाहाबाद
के
धनुपुर
ब्लाक
के
प्रमुख
थे
और
उनके
बेटे
यानी
अनुभव
के
दादा
पारसनाथ
हंडिया
के
दसेर
में
सार्वजनिक
इंटर
कॉलेज
में
वाइस
प्रिंसिपल
थे।
समय
परिस्थिति
बदली
तो
अनुभव
के
पिता
धनंजय
सिंह
पूरी
तरह
से
खेती
किसानी
पर
ही
आश्रित
हो
गये
और
फिर
हंडिया
के
इसी
दसेर
गांव
में
अनुभव
का
जन्म
हुआ
।
अनुभव
की
शुरुआती
पढ़ाई
यहीं
प्राथमिक
विद्यालय
से
शुरू
हुई,
लेकिन
पिता
ने
पेशे
से
किसान
होते
हुये
भी
बेटे
के
सपनों
को
आयाम
देने
में
कोई
कोर
कसर
नहीं
छोड़ी।
अनुभव
की
मां
को
सार्वजनिक
इंटर
कॉलेज
में
ही
नौकरी
मिल
गई
और
फिर
अनुभव
ने
कक्षा
6
से
8
तक
की
पढ़ाई
हंडिया
के
एक
निजी
स्कूल
में
पूरी
की।
शहर
में
बुने
सपने
आगे
की
पढ़ाई
के
लिये
अनुभव
इलाहाबाद
शिफ्ट
हो
गये
और
बीबी
एस
इंटर
कॉलेज
शिवकुटी
इंटर
तक
की
पढ़ाई
की।
पढ़ाई
के
दौरान
ही
अनुभव
को
मां
बड़ा
सपना
संजोने
के
लिए
प्रेरित
करती
रहीं
और
वह
भी
शहर
में
ही
बेटे
के
साथ
रहने
लगीं।
या
यूं
कहें
कि
मां
के
साथ
ही
अनुभव
रहने
लगे
और
अपनी
तैयारी
ईमानदारी
से
करने
लगे।
यही
कारण
था
कि
होनहार
होने
के
साथ
ही
जब
मां
का
विशेष
समर्थन
अनुभव
को
मिला
तो
वह
निखरते
चले
गए
और
बड़ी
सफलता
की
ओर
धीरे-धीरे
कदम
बढ़ाना
शुरू
कर
दिया।
अनुभव
ने
रुड़की
से
2015
में
बीटेक
किया
और
सिविल
सेवा
परीक्षा
में
बैठे।
अनुभव
ने
अपने
पहले
ही
प्रयास
में
सिविल
सेवा
परीक्षा
क्रैक
की
और
683
रैंक
के
साथ
सफलता
हासिल
की।
नहीं
रुके
एक
कदम
अनुभव
ने
अपने
पहले
प्रयास
में
ही
सफलता
तो
हासिल
कर
ली,
लेकिन
वह
इस
से
संतुष्ट
नहीं
थे।
अनुभव
कुछ
बड़ा
करना
चाह
रहे
थे
और
बड़ा
करने
की
चाहत
में
ही
उन्होंने
सिविल
सेवा
परीक्षा
में
फिर
से
बैठने
का
निर्णय
लिया।
हालांकि
इस
बीच
उनको
इनकम
टैक्स
डिपार्टमेंट
में
नियुक्ति
मिल
गई
और
वह
ट्रेनिंग
पर
भेज
दिए
गए।
जैसे-जैसे
परीक्षा
नजदीक
आई
अनुभव
के
लिए
ट्रेनिंग
और
तैयारी
में
सामंजस्य
बिठाना
मुश्किल
हो
गया।
उन्होंने
तैयारी
को
तवज्जो
देने
के
लिए
छुट्टी
की
एप्लीकेशन
डाली
और
ट्रेनिंग
के
दौरान
ही
उन्हें
छुट्टी
मिल
गई।
अवकाश
मिलते
ही
पूरी
तन्मयता
के
साथ
अनुभव
तैयारी
में
जुट
गए
और
गणित
विषय
के
साथ
उन्होंने
इस
बार
सिविल
सेवा
परीक्षा
में
8
वीं
रैंक
हासिल
कर
अपना
परचम
लहरा
दिया
है।
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