यूपी पुलिस को शिक्षामित्रों ने घेरा, सुल्तानपुर में फाड़े और जलाए गए सीएम योगी के पोस्टर
बावजूद इसके शिक्षामित्र फैसला बदलवाने के लिए उग्र हैं और योगी की पुलिस डंडे पटक रही है। फैसले के विरोध में शिक्षामित्रों ने योगी के पोस्टर फाड़ डाले और होर्डिंग तक जला दी।
सुल्तानपुर। सीएम योगी के निर्णय के बाद से शिक्षामित्रों की सरकार से तकरार थमने का नाम ही नहीं ले रही। इसके दमन के लिए लाठी चार्ज से लेकर मुकदमा और गिरफ्तारी भी हो चुकी है। बावजूद इसके शिक्षामित्र फैसला बदलवाने के लिए उग्र हैं और योगी की पुलिस डंडे पटक रही है। इसी संदर्भ में बुधवार को सुल्तानपुर में शिक्षा मित्र उग्र हो गए, डीएम ऑफिस पहुंचकर पीएम-सीएम की तस्वीर लगी होर्डिंग को फाड़ डाला गया। नतीजतन पुलिस ने अपना काम करते हुए 4 दर्जन से ज्यादा के विरुद्ध संगीन धाराओं में मुकदमा लिखा तो गुरुवार को शिक्षामित्रों ने कोतवाली का घेरावकर घंटों यहां प्रदर्शन किया।
शिक्षा मित्रों के इस प्रदर्शन के जवाब में कोतवाली नगर पुलिस ने उच्चाधिकारियों के निर्देश पर बड़ी कार्यवाई की। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने शिक्षामित्रों के खिलाफ लोक संपिति क्षति निवारण और 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट के तहत कोतवाली नगर में 8 नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इस खबर के मिलते ही गुरुवार को सैकड़ों से ज्यादा की संख्या में शिक्षामित्रों ने कोतवाली का घेराव करते हुए घंटों यहां डेरा डाले रखा। जिसमें महिलाओं की संख्या ज्यादा रही।
बुधवार को डीएम आफिस में प्रदर्शन कर फाडी गई थी होर्डिंग्स
इसी मामले में बुधवार को सुल्तानपुर शिक्षा मित्र एक बार फिर सड़कों पर उतर आए थे। सैकड़ों की संख्या में इकट्ठा हुए शिक्षा मित्रों ने डीएम ऑफिस का घेराव किया था। यहां शिक्षामित्रों की नजर जब सरकार की उन होर्डिंगों पर पड़ी, जिस पर सरकार की योजनाओं की जानकारी के साथ-साथ पीएम और सीएम की तस्वीरें लगीं थी, उसे देखते ही मानों शिक्षा मित्रों के तन-बदन में आग लग गई थी। प्रदर्शनकारी शिक्षा मित्र बेखौफ होकर होर्डिंग्स पर टूट पड़े थे। होर्डिंग्स को फाड़ा गया और फिर डीएम ऑफिस के गेट के सामने उसे आग के हवाले करते हुए सरकार विरोधी नारे लगाए गए।
सम्मानजनक स्थित में ही मानदेय मंजूर
उधर शिक्षा मित्र संगठन के जिलाध्यक्ष दिनेश चंद्रा ने कहा कि सरकार की कैबिनेट में प्रस्ताव के रूप में आए 10 हजार का मानदेय उन्हें मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार अध्यादेश लाकर पुनः शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर तैनाती, या फिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पहले तक शिक्षामित्रों को मिल रहे 39 हजार वेतन के बराबर सम्मानजनक स्थित में रकम दे।
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