UP में रिश्वत से परेशान सब इंस्पेक्टर ने दिया इस्तीफा, विभाग के लोग ही मांगते थे रिश्वत
मथुरा। उत्तर प्रदेश पुलिस पर भ्रष्टाचार के आरोप आम बात है लेकिन मामला तब गंभीर हो जाता है जब ये आरोप खुद विभाग का एक एसआई लगा दे। मथुरा के मांट थाने पर तैनात एसआई अश्वनी कुमार ने एसएसपी मथुरा को भेजे इस्तीफ़े में विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और अधिकारीयों द्वारा आमनवीय व्यवहार की परत खोली दी। ये इस्तीफ़ा एसआई ने विभाग से क्षुब्ध और व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण दिया। मामला सामने आने के बाद एसआई तो मीडिया के सामने नहीं आया, लेकिन आला अधिकारी अब इस मामले पर कार्यवाही की बात कर रहे हैं।
कोई व्यक्ति मात्र काम करने या देश सेवा के लिए पुलिस में भर्ती होता नहीं होता
2015 बैच के एसआई अश्वनी ने पत्र में लिखा है की विभाग में 30 सीएल (कैजुअल लीव) मिलते है लेकिन वास्तिवकता इससे बिल्कुल भिन्न है। अगर 30 दिन नहीं दिए जा सकते तो उनको कम कर दिया जाए। परन्तु जितनी छुट्टियां मिलती है कम से कम उतनी तो दी जाएं। इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि अगर कोई उपनिरीक्षक तत्काल रूप चाहे तो वह छुट्टी पर नहीं जा सकता जो की आमनवीय व्यवहार है। एसआई अश्वनी कुमार ने लिखा कि मुझे नहीं लगता कि कोई व्यक्ति मात्र काम करने या देश सेवा के लिए पुलिस में भर्ती होता है। उनके अनुसार सबकी पारिवारिक जिम्मेदारियां भी होती हैं।
पुलिस वाले से ही विभाग वाले मांगते हैं रिश्वत
विभाग में व्याप्त भष्ट्राचार पर पत्र में लिखा है कि सरकारी कार्यों के लिए भी रिश्वत देनी होती है। जैसे की टीए/डीए के लिए 10 प्रतिशत एडवांस, मेडिकल के लिए दस प्रतिशत, केस डायरी के लिए सौ रूपये, चलन बुक के लिए सौ रूपए लिए जाते हैं। ये सब लोग जानते है लेकिन सब वही करते है जो होता आया है। इस पत्र के सामने आने के बाद मथुरा पुलिस सकते में हैं।
पुलिस समझाने का कर रही है प्रयास
मांट सर्किल के सीओ विजय शंकर मिश्रा ने इस पत्र के मीडिया में आने के बाद कहा की अश्वनी कुमार ने पुलिस विभाग में व्याप्त समस्याओं को लेकर इस्तीफ़ा उच्च अधिकारीयों को दिया है। हम उनको समझने का प्रयास कर रहे हैं। वहीँ विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के बारे में उन्होंने कहा की उनके द्वारा पत्र में दिए गए सुझाव पर कार्यवाही करेंगे।