यूपी: किडनैपिंग का मुकदमा लिखाने वाले ही निकले किडनैपर, पुलिस ने 14 घंटे में यूं सुलझाया केस
रामपुर। उत्तर प्रदेश में रामपुर के बिलासपुर क्षेत्र में रंजिशन अपने विरोधियों को फंसाने के लिए अपहरण की रची गई साजिश का पुलिस ने भंडाफोड़ कर दिया। पुलिस ने फर्जी अपहरण की साजिश रचने में 4 लोगों को अरेस्ट किया है। इन आरोपितों ने खुद ही चोटें भी मार लीं थीं।
यूं
हुआ
साजिश
का
पर्दाफाश
जिला
रामपुर
में
बिलासपुर
थाना
क्षेत्र
के
ग्राम
बेरखेड़ा
में
पुलिस
ने
जो
केस
14
घंटे
में
सॉल्व
किया,
वह
काफी
घुमा
देने
वाला
मामला
रहा
है।
जानकारी
के
अनुसार,
बेरखेड़ा
निवासी
बलदेव
सिंह
ने
12
नवम्बर
को
अपने
साथ
मारपीट
किये
जाने
और
फुफेरे
भाई
को
अपहरण
करने
की
सूचना
पुलिस
को
दी।
अपहरण
करने
वालों
के
नाम
उसी
के
गांव
के
कुलविन्दर
सिंह
उर्फ
किन्दी,
पलविन्दर
सिंह
उर्फ
पिन्टू
और
सोने
उर्फ
सुरेन्द्र
सिंह
बताये।
अपहरण
की
सूचना
पाकर
फौरन
हरकत
में
आई
पुलिस
की
कमान
पुलिस
अधीक्षक
शिवहरि
मीना
ने
संभाली
और
रात
में
ही
पीपलीवन
के
घने
जंगलों
में
काॅम्बिंग
शुरू
कर
दी।
इस
काॅम्बिंग
में
चोटिल
वादी
बलदेव
सिंह
साथ
में
ही
था।
पुलिस
अधीक्षक
को
वादी
के
बयानों
में
विरोधाभास
महसूस
होने
पर
जब
उसकी
चोटों
का
चिकित्सीय
परीक्षण
कराया
गया
तो
चोटें
अपहरण
के
बताये
गये
वक्त
से
दो
दिन
पहले
की
निकलीं।
मोबाइल
की
सिमें
छुपा
दी
थीं
पुलिस
अधीक्षक
शिवहरि
मीना
ने
बताया
कि
वादी
से
सख्ती
से
पूछताछ
करने
पर
वह
टूट
गया
और
सारी
घटना
का
खुलासा
करते
हुए
अपने
फुफेरे
भाई
को
अपने
एक
अन्य
परिचित
महेन्द्र
सिंह
निवासी
कल्याणपुर
भटटा
थाना
नानकमता
जिला
उधमसिंह
नगर
उत्तराखण्ड
के
घर
से
पुलिस
को
बरामद
कराया।
इस
दौरान
तथाकथित
अपहरणर्ता
के
मोबाइल
की
दोनों
सिमें
निकालकर
कहीं
छिपा
दी
गईं
थी।
फिलहाल
पुलिस
ने
कड़ी
मशक्कत
कर
साजिश
रचने
वाले
वादी
सहित
चारों
को
गिरफतार
कर
लिया
है।
साथ
ही
अपहरणर्ता
का
मोबाइल
भी
बरामद
कर
लिया
है।
काॅम्बिंग
करने
वाली
टीम
को
पुलिस
अधीक्षक
ने
5
हजार
रुपये
का
पुरूस्कार
देने
की
घोषणा
की
है।
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