यूपी पंचायत चुनाव 2021: फिजूलखर्ची पर चुनाव आयोग ने लगाई लगाम, जानिए कितना खर्च कर सकते हैं प्रत्याशी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 2021 की तैयारी अंतिम चरण में है। वहीं, 75 जिलों के लिए होने वाले आरक्षण की सूची भी तैयार हो गई है, जिसे आज यानी 2 मार्च को सार्वजनिक कर दिया जाएगा। इस बीच चुनाव आयोग ने भी प्रत्याशियों की फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने के लिए खर्च सीमा तय कर दी है। इस सीमा के तहत प्रत्याशी 650 रुपए से लेकर 4000 रुपए खर्च कर के भी चुनाव लड़ सकता हैं।

वोटरों को लुभाने और दो पहिया-चार पहिया वाहनों पर होने वाले अनाप-शनाप खर्चें अब संभव नहीं होंगे। ऐसे खर्चों पर लगाम लगाने के लिए चुनाव आयोग ने खर्च तय कर दिया है। इतना ही नहीं, आयोग के अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्याशियों द्वार किए जाने वाले सभी खर्च पर नजर रखी जाएगी। साथ ही चुनाव के बाद सभी प्रत्याशियों से खर्च की गई राशि का ब्यौरा भी लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नामांकन दाखिल के समय प्रत्याशियों को अपनी सम्पत्ति के ब्यौरे, आपराधिक पृष्ठभूमि, गृहकर व अन्य किसी कर की बकाएदारी का भी विवरण देना होगा।
आयोग के अपर निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि वर्ष 2015 में प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की धनराशि की सीमा संशोधित की गई थी, वहीं इस बार के चुनाव में लागू रहेगी। जिसके तहत ग्राम पंचायत सदस्य अधिकतम 10,000 रुपये खर्च कर सकते हैं। ग्राम प्रधान 75,000 रुपए, क्षेत्र पंचायत सदस्य 75,000 रुपए, जिला पंचायत सदस्य 1,50,000 रुपए, ब्लॉक प्रमुख 2,00,000 रुपए और जिला पंचायत अध्यक्ष 4,00,000 रुपए खर्च कर सकते हैं।
जानिए कितनी देगी होगी नामांकन और जमानत राशि
राज्य निर्वाचन आयोग से मिले ब्यौरे के मुताबिक, ग्राम पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशी को 150 रुपए नामांकन पत्र का शुल्क और 500 रुपए की जमानत राशि देनी होगी। ऐसे ही, ग्राम प्रधान पद के प्रत्याशी को नामांकन पत्र का 300 रुपए शुल्क और 2000 रुपए जमानत राशि अदा करनी होगी। इसी क्रम में क्षेत्र पंचायत सदस्य 300 रुपए नामांकन पत्र का शुल्क और 2000 रुपए की जमानत राशि तथा जिला पंचायत सदस्य को 500 रुपए नामांकन पत्र का शुल्क और 4000 रुपए जमानत राशि अदा करने होंगे।