यूपी विधान परिषद चुनाव: सपा की मदद से जीते बसपा के भीमराव अंबेडकर, निर्विरोध चुने गए सभी 13 कैंडिडेट
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 13 सीटों के लिए सभी उम्मीदवारो को निर्विरोध चुन लिया गया है। इन 13 सीटों के लिए मतदान की तारीख 26 अप्रैल थी लेकिन सभी पार्टियों ने अपने पास मौजूद वोटों के हिसाब से ही उम्मीदवार खड़े किए। 13 सीटों के लिए 13 उम्मीदवार ही मैदान में थे, ऐसे में मतदान की जरूरत नहीं पड़ी और सभी को निर्विरोध एमएलसी चुन लिया गया। नवनिर्वाचित सदस्यों में भारतीय जनता पार्टी के 10, जबकि सपा, बसपा और अपना दल का एक-एक उम्मीदवार है।
भीमराव अंबेडकर बने एमएलसी
राज्यसभा चुनाव हारने वाले बसपा के भीमराव अंबेडकर विधान परिषद पहुंचने में कामयाब रहे हैं। आज (19) अप्रैल को नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख थी। शाम पांच बजे तक किसी न नामांकन वापस नहीं लिया, जिसके बाद सभी 13 उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए। राज्यसभा चुनाव में बसपा ने भीमराव को अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन वो भाजपा कैंडिडेट से हार गए थे। वो सपा के समर्थन से जीते हैं। यूपी के पूर्व सीएम अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ऐलान किया था कि सपा विधान परिषद चुनाव में बसपा उम्मीदवार का समर्थन करेगी।
ये हैं भाजपा से चुने गए एमएलसी
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से विद्या सागर सोनकर, अशोक कटारिया, विजय बहादुर पाठक, अशोक धवन, बुक्कल नवाब, सरोजिनी अग्रवाल, यशवंत सिंह, जयवीर सिंह, डॉ महेंद्र सिंह और मोहसिन रजा विधान परिषद पहुंचे हैं। इन सदस्यों में से चार ने कुछ समय पहले ही भाजपा ज्वाइन की थी। बुक्कल नवाब, यशवंत सिंह और सरोजिनी सिंह सपा छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे, तो जयवीर सिंह बसपा से सपा में आए थे।
सपा से नरेश उत्तम पहुंचे विधान परिषद
समाजवादी पार्टी से उत्तर प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम विधान परिषद पहुंचे हैं। अपना दल से आशीष सिंह चुने गए हैं। 13 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल 5 मई को खत्म हो रहा है। 10 नए सदस्य चुने जाने के बाद उच्च सदन में बीजेपी के सदस्यों की संख्या 21 हो जाएगी। हालांकि अभी भी विधान परिषद में बहुमत समाजवादी पार्टी के पास ही है।
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