यूपी को 24 घंटे बिजली मुहैया कराने के लिए योगी सरकार ने कसी कमर
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद पार्टी के लिए बिजली की समस्या को सुधारना सबसे बड़ा लक्ष्य है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत में कई तमाम मुद्दों ने पार्टी के पक्ष में हवा बनाई, जिसमें एक सबसे बड़ा मुद्दा था प्रदेश में बिजली की समस्या। ऐसे में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद पार्टी के लिए बिजली की समस्या को सुधारना सबसे बड़ा लक्ष्य है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में राज्य सरकार ने चौबीस घंटे बिजली मुहैया कराने के लिए एक करार साइन किया है जिसके बाद अगले दो सालों में प्रदेश की बिजली की समस्या को खत्म किया जा सकता है।
आसान नहीं है लक्ष्य
उत्तर प्रदेश में बिजली एक बड़ी समस्या है, प्रदेश में जहां 8 घंटे की बिजली की कमी है, ऐसे में प्रदेश को चौबीस घंटे बिजली मुहैया कराना आसान नहीं होगा। लेकिन जिस तरह से योगी सरकार ने बिजली की समस्या को लेकर सख्त रुख अख्तियार किया है उसे देखते हुए एक उम्मीद जगी है कि प्रदेश में बिजली की कमी में सुधार हो सकता है। जिस तरह से जमीनी स्तर पर राज्य सरकार लगातार बड़े फैसले ले रही है उसके बाद बिजली की समस्या में सुधार के संकेत मिल रहे हैं।
कार्यप्रणाली में दिख रहा है बदलाव
प्रदेश सरकार ने आईआईएफएल सहित प्रदेश की बिजली कंपनियों को इस बाबत दिशा निर्देश दिए हैं कि प्रदेश की बिजली व्यवस्था को बेहतर करने के लिए अहम कदम उठाए। उत्तर प्रदेश की एक ब्रोकिंग फर्म की मानें तो प्रदेश में बिजली के क्षेत्र में बड़ा बदलाव होने जा रहा है, प्रदेश की बिजली कंपनियों की कार्यप्रणाली में बदलाव देखने को मिल रहा है, केंद्र सरकार की मदद से मौजूदा बिजली की समस्या को खत्म करने, लाइन लॉस को कम करने और उर्जा के क्षेत्र के ढांचे को मजबूत करने के लिए अहम कदम उठाए जा रहे हैं।
ट्रांसमिशन में हो रहा नुकसान
आईआईएफएल इंस्टीट्यूशनल इक्विटीस के उपाध्यक्ष हर्षवर्धन डोले का कहना है कि नई सरकार प्रदेश में बिजली के क्षेत्र में सुधार के लिए बेहतर गवर्नेंस का रास्ता अपना रही है, जोकि पुरानी सरकार की तुलना में बड़ा बदलाव है। पिछली सरकार उर्जा के क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में पूरी तरह से विफल रही थी, जिसकी वजह से प्रदेश में बिजली की समस्या काफी बढ़ गई थी। 2014-15 में 30 फीसदी उर्जा ट्रांसमिशन और बिजली के बिल के भुगतान नहीं होने की वजह से बेकार जा रही थी।
बिजली चोरी के खिलाफ अभियान
लेकिन नई सरकार कार्यप्रणाली में बदलाव करके इन समस्याओं को खत्म करने पर ध्यान दे रही है। सरकार ने 30 फीसदी बिजली के नुकसान की समस्या को खत्म करने के लिए सतर्कता अभियान को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं, ताकि बिजली की चोरी को कम करने के साथ भ्रष्टाचार को खत्म किया जा सके। ऐसे में अगर इस अभियान को बेहतर तरीके से लागू किया जाए तो बिजली के क्षेत्र में हो रहे 30 फीसदी नुकसान को कम किया जा सकता है।
बिजली की मांग को बढ़ाना होगा
इसके अलावा प्रदेश की बिजली की कमी को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार को एक तिहाई बिजली की मांग को 2019 तक बढ़ाना होगा, जिससे कि बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों को भी फायदा मिल सके। इसके अलावा उर्जा क्षेत्र से जुड़े उपकरणों की गुणवत्ता को भी बेहतर करने पर ध्यान देना होगा। जिसकी मदद से लोगों को बिजली मुहैया कराई जाएगी, जिसमें घरों में उपयोग होने वाले तमाम बिजली के उपकरण शामिल हैं, किचन के उपकरणों से लेकर एसी तक की गुणवत्ता को बेहतर करना होगा।
उत्पादन को बेहतर करना होगा
इसके अलावा अगर तीसरे विकल्प की बात की जाए तो प्रदेश सरकार के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती है वह यह कि बिजली की कीमतों को कम रखते हुए बेहतर सप्लाइ करते हुए लोगों को खुश रखा जाए। लेकिन प्रदेश में बेहतर बिजली के उत्पादन के बदौलत यह हासिल किया जा सकता है, ऐसे में अगर यूपी यह करने में सफल होता है तो अन्य राज्य भी यूपी की नक्शेकदम पर चल सकते हैं।
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