योगी सरकार ने की महंत नरेंद्र गिरि केस में CBI जांच की सिफारिश
लखनऊ, 22 सितंबर: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का शव सोमवार को उनके प्रयागराज स्थित मठ में संदिग्ध परिस्थितियों में बरामद हुआ था। पुलिस की प्रारंभिक जांच में ये मामला आत्महत्या का लगा रहा, साथ ही महंत के कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ। जिसमें उनके शिष्य आनंद गिरि समेत कई लोगों को उनकी मौत का दोषी ठहराया गया, लेकिन शुरू से ही संत समाज और उनके शिष्य आत्महत्या वाली थ्योरी पर सवाल उठा रहे हैं। जिस वजह से बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की है।
उत्तर प्रदेश शासन के गृह विभाग ने बुधवार रात इस संबंध में जानकारी दी। साथ ही ट्वीट कर लिखा कि प्रयागराज में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि जी की दुखद मृत्यु से जुड़े प्रकरण की सीबीआई जांच करवाने की संस्तुति की गई है। ये आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया था। उम्मीद जताई जा रही है कि मोदी सरकार की ओर से जल्द ही राज्य की सिफारिश मंजूर कर ली जाएगी। महंत नरेंद्र गिरि के पीएम मोदी और अमित शाह जैसे नेताओं से बहुत ही अच्छे संबंध थे।
पोस्टमार्टम
के
बाद
दी
गई
भू-समाधि
महंत
नरेंद्र
गिरि
के
शव
का
बुधवार
सुबह
दो
घंटे
तक
पोस्टमार्टम
किया
गया।
जिसमें
5
डॉक्टरों
का
पैनल
शामिल
था।
अभी
विसरा
को
प्रिज़र्व
किया
गया
है,
जिसकी
रिपोर्ट
बाद
में
आएगी।
पोस्टमार्टम
होते
ही
बाघंबरी
मठ
में
महंत
को
भू-समाधि
दी
गई।
वहीं
मामले
की
गंभीरता
को
देखते
हुए
यूपी
पुलिस
ने
भी
एक
SIT
का
गठन
किया
था।
ये
टीम
जांच
शुरू
करती,
इससे
पहले
सीबीआई
जांच
की
सिफारिश
कर
दी
गई।
14
दिन
की
रिमांड
में
आनंद
गिरि
वहीं
सुसाइड
नोट
में
आनंद
गिरि
पर
महंत
ने
गंभीर
आरोप
लगाए
थे।
जिनको
14
दिन
की
न्यायिक
हिरासत
में
भेजा
गया
है।
उनके
अलावा
हनुमान
मंदिर
के
मुख्य
पुजारी
आद्या
तिवारी
की
भी
न्यायिक
हिरासत
कोर्ट
ने
मंजूर
कर
ली।
वहीं
जब
दोनों
आरोपियों
को
पुलिस
कोर्ट
में
ले
जा
रही
थी,
तो
उनके
ऊपर
हमले
का
प्रयास
किया
गया,
हालांकि
पुलिस
ने
किसी
तरह
से
हालात
पर
काबू
पाया।
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निरंजनी
अखाड़े
ने
उठाए
सवाल
मीडिया
से
बात
करते
हुए
निरंजनी
अखाड़े
के
रविंद्र
पुरी
ने
आत्महत्या
वाली
थ्योरी
पर
सवाल
उठाए
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
जो
सुसाइड
नोट
मिला
है,
उसे
किसी
बीए
पास
लड़के
ने
लिखा
है।
ऐसे
में
अखाड़ा
अपने
स्तर
की
जांच
कर
रहा
है।
इसके
अलावा
जब
महंत
ने
फांसी
लगाई
तो
उनके
सिर
के
पीछे
कैसे
चोट
लगी,
और
ना
जुबान
चढ़ी,
ना
आंखें।
ऐसे
में
ये
फांसी
कैसे
हो
सकती
है।