चुनाव बाद गठबंधन के सवाल पर प्रियंका गांधी ने कहा, BJP को छोड़कर यूपी में सभी दलों के लिए खुले हैं दरवाजे
लखनऊ, 22 जनवरी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की तारीखों के ऐलान के बाद से ही प्रदेश की सियासत गरमा गई है। तो वहीं, हर रोज सियासी समीकरण भी यूपी के अंदर काफी तेजी से बदल रहे है। इस बीच यूपी प्रभारी व कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने चुनाव बाद गठबंधन की परिस्थिति पैदा होने के सवाल पर कहा कि उनकी पार्टी इस पर विचार करेगी। हालांकि, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ जाने से साफ इनकार कर दिया है।

न्यूज़ एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक, प्रियंका गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी के दरवाजे बीजेपी के लिए एक दम बंद है। हालांकि, अन्य पार्टियों के लिए उनके दरवाजे खुला हुए है। प्रियंका गांधी ने कहा कि समाजवादी पार्टी और भाजपा एक हद तक एक ही बिसात पर खेल रहे हैं क्योंकि दोनों का फायदा उसी तरह की राजनीति से हो रहा है। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि अगर ऐसी किसी गठबंधन सरकार में कांग्रेस शामिल होगी तो उसकी एक शर्त युवाओं और महिलाओं से जुड़े अपने एजेंडे को लागू कराने की होगी।
प्रियंका गांधी ने कहा कि 5 साल से उत्तर प्रदेश में इनकी (बीजेपी) सरकार है, इनको पिछला महीना ही मिला हवाई अड्डे, हाईवे का उद्घाटन करने और नई इंडस्ट्री लगाने के लिए? क्या इससे पहले इनके पास समय नहीं था? चुनाव के सिर्फ एक महीने पहले आप सब घोषणाएं कर रहे हैं, घोषणाएं करनी हैं तो ठोस तरह से करें। इस सरकार ने बेरोज़गारों नौजवानों के लिए क्या किया है? चुनाव आता है तो कहते हैं कि 25 लाख नौकरियां देंगे, कभी ये समझाया है कि रोज़गार कहां से आएगा? हमने ये कहा कि हम 20 लाख नौकरियां देंगे, हमने हवा में नहीं कहा। हमने पूरा घोषणापत्र निकाला है।
कहा कि सभी राजनीतिक दल असलियत को छुपाकर चुनाव के समय ऐसे मुद्दे उठाना चाह रहे हैं जो जज़्बाती हैं जैसे जाति, सांप्रदायिकता पर आधारित मुद्दे क्योंकि वो विकास की बात नहीं करना चाहते हैं। इससे नुकसान सिर्फ जनता और फायदा राजनीतिक दलों का होता है। हम पूरी शक्ति से चुनाव लड़ रहे हैं। विकास, बेरोज़गारी, महंगाई, महिलाओं की सुरक्षा के जिन महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए वो मुद्दे मुख्य तौर पर कांग्रेस उठा रही है। कांग्रेस जनता की आवाज़ उठा रही है,आशा है कि इसका नतीजा अच्छा होगा।
प्रियंका गांधी ने कहा कि जब एक पार्टी 400 सीटों में से सिर्फ 100 या 200 सीटों पर चुनाव लड़ती है तो ये बात साफ है कि पार्टी जिन सीटों पर चुनाव नहीं लड़ती है उन सीटों पर वो कमजोर होती जाती है। हमारी पार्टी के लिए अकेले चुनाव लड़ना और अपनी पार्टी को सशक्त बनाना बहुत जरूरी था। हम किसी भी तरह की चर्चा के लिए तैयार थे लेकिन ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई और हम अकेले चुनाव लड़ रहे हैं। एक तरह से ये हमारी पार्टी के लिए अच्छा है। हमने काफी समय से UP में बहुत ज़्यादा सीटों से चुनाव नहीं लड़ा है।