अखिलेश से मिलने जनेश्वर ट्रस्ट पहुंचे चंद्रशेखर आजाद, गठबंधन को लेकर चल रही है बातचीत
लखनऊ, 14 जनवरी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़े ही उलटफेर के संकेत मिल रहे हैं। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी के 10 विधायक पार्टी को अलविदा कह चुके है। तो वहीं, समाजवादी पार्टी के मुखिया छोटी-छोटी पार्टियों से गठबंधन करके अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं। 10 फरवरी को पहले चरण के लिए होने मतदान से ठीक पहले आजाद समाज पार्टी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने आज अखिलेश यादव से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, चंद्रशेखर आजाद और अखिलेश के बीच गठबंधन और सीटों बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है।

दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित जनेश्वर ट्रेस्ट में चल रही है। तो वहीं, अब से थोड़ी देर बाद स्वामी प्रसाद मौर्य अपने समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो जाएंगे। लखनऊ स्थित उनके घर के बाहर इस वक्त भारी भीड़ जमा है। स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा में शामिल होने से पहले आजाद समाज पार्टी के चीफ चंद्रशेखर आजाद जनेश्वर ट्रेस्ट पहुंचे। यहां उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। आपको बता दें, चंद्रशेखर पहले भी अखिलेश यादव से मुलाकात कर चुके है। लेकिन आज की ये मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है।
ऐसा बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद चंद्रशेखर आजाद गठबंधन का ऐलान कर सकते हैं। अभी जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक, समाजवादी पार्टी चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी को एक सीट दे सकती है। इस तरह से देखा जाए तो शिवपाल, राजभर समेत कई दिग्गजों के बाद चंद्रशेखर आजाद के अखिलेश यादव के साथ आने से सपा के नेतृत्व में बना यह गठबंधन भाजपा को मजबूत टक्कर दे सकता है। सूत्रों की मानें तो चंद्रशेखर आजाद की पार्टी का सहारनपुर, बिजनौर, बुलंदशहर और हाथरस जिलों में अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है। ऐसे में अगर चंद्रशेखर खुद मैदान में उतरते हैं तो वे बसपा के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं।
आपको बता दें, अब से कुछ देर में समाजवादी पार्टी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाली है और माना जा रहा है कि इसमें सीटों के बंटवारे पर ऐलान हो सकता है। यहा बता दें कि अखिलेश का सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट), राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी), अपना दल (कमेरावादी), प्रगतिशील समाजवादी पार्टी, महान दल, टीएमसी से भी गठबंधन है। जंयत के बाद अगर चंद्रशेखर से भी अखिलेश हाथ मिला लेते हैं तो पश्चिमी यूपी में दलित-मुस्लिम-जाट का मजबूत कॉम्बिनेशन सपा गठबंधन का बना सकता है।