यूपी चुनावों का असर पाकिस्तान और बांग्लादेश पर भी देखने को मिल सकता है
उत्तर प्रदेश चुनाव के परिणाम का असर पाकिस्तान और बांग्लादेश पर भी देखने को मिल सकता है, भारत अपनी नीति पर कर सकता है विचार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जिस तरह से भाजपा को प्रचंड बहुमत हासिल हुआ है उसका असर ना सिर्फ प्रदेश बल्कि सीमा पार भी देखने को मिल सकता है। माना जा रहा है कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ अपनी रणनीति को बदलने के लिए यूपी के चुनावी नतीजों का इंतजार कर रही थी। उरी हमलों के बाद जिस तरह से दोनो ही देशों के बीच बातचीत का सिलसिला रुका है उसमें कोई बदलाव आ सकता है।
चुनाव परिणाम का था इंतजार
यूपी में जबरदस्त जीत के बाद भाजपा अपनी रणनीति को बदलने की शुरुआत कर सकती है, यूपी जैसे बड़े राज्य में भारत चुनाव के चलते केंद्र की विदेशी नीति काफी अहम भूमिका निभाती है। लेकिन यूपी में मोदी की जीत उन्हें और मजबूती देगी जोकि उन्हें विदेश नीति से जुड़े फैसले लेने में और मजबूती प्रदान करेगी।
बांग्लादेश के साथ भी बदल सकते हैं रिश्ते
भारत आने वाले समय में बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना से मुलाकात कर सकते हैं, माना जा रहा है कि वह अप्रैल माह में भारत आएंगी तो वह सबसे पहले पीएम मोदी से मुलाकात करेंगी। इस दौरान पीएम बांग्लादेश के साथ संसाधनों के आदान-प्रदान पर बात कर सकते हैं, इसके साथ ही वह सीमा की सुरक्षा के मुद्दे पर भी बात कर सकते हैं।
उरी हमलों के बाद बिगड़े थे रिश्ते
इसके अलावा भारत नेपाल के साथ भी अपने संबंधों को फिर से बेहतर करने की कोशिश कर सकता है जहां राजनीतिक अस्थिरता का दौर चल रहा हैा। लेकिन इन सबके बीच भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती पाकिस्तान है। 2016 में उरी हमलों के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान के साथ बातचीत खत्म करने का फैसला लिया था, जिसके बाद 29 सितंबर को भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया और एक बार फिर से दोनों देशों के बीच इंडस वाटर समझौता पर विचार करने की बात शुरु हुई। भारत और पाकिस्तान के बीच अधिकारियों की बीच की भी बातचीत बंद हो गई।
पाकिस्तान से फिर से शुरु हो सकती है बात
अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को सर्जिकल स्ट्राइक का काफी लाभ मिला और जिस तरह से सीमा पर भारत ने सख्त रुख अख्तियार किया उसका भी पीएम को लाभ मिला। ऐसे में यूपी में जीत के बाद पीएम इस बात को फिर से आगे बढ़ा सकते हैं कि पाकिस्तान के साथ उनके रुख को जनता का समर्थन हासिल हुआ है, ऐसे में मुमकिन है कि प्रधानमंत्री पाक के नेताओं से एक बार फिर से मुलाकात का दौर शुरु करें।